शांत हों और एक लम्बा गहरा श्वास लेकर धीरे धीरे छोड़ दीजिये! प्यारे ईश्वर को अपने हृदय में अनुभव करते हुए अपने इष्टदेव के स्वरुप को ध्यान में लाइए। खुशियां देने वाला दुखों को दूर करने वाला जो संकटमोचक है! उसके स्वरूप को ध्यान में रखकर उसकी कृपाओं को अपनी ओर आते हुए अनुभव कीजिये! मन मन में प्रभु का नाम उच्चारण करें! प्रभु की भक्ति बसती है टिकती है गुरु कृपा से! ज्ञान जीवन में कर्म (सौभाग्य ) के रूप में परिणत होता है गुरु कृपा से।और घर में अनुकूलता आती है गुरुकृपा से।
इसलिए सद्गुरु को ध्यान में रखकर मन मन में उन्हें प्रणाम कीजिये! गुरु मंत्र मन मन में उच्चारण कीजिये! परम सत्ता से परम शक्ति से और देव शक्तियों से पितृ शक्ति से जुड़ने के लिए अपना मन आज्ञा चक्र में केंद्रित करें।
एक श्वास भरकर ओंकार का उच्चारण कीजिये। ॐ… दोनों हाथ जोड़ लें! हे भाग्य विधाता सबका भाग्य लिखने वाले प्रभु आपकी कृपा से ही दुर्भाग्य सौभाग्य में बदलता है। हे करुणाकर करुणा करके हमारे जीवन को सौभाग्य मे बदलिए।
पतित पावन परमेश्वर पतित से पतित को भी आपने तारा है इसे देह को धारण करके इसे धरती पर आकर मनुष्य गलतियां करते हुए सीखता है! और कभी कभी गलतियां करते रहना आदत में शामिल होता है! अपनी करुणा से अपनी कृपा से हमें संसार मे फ़साने वाली आदतों से मुक्त करने के लिए अपनी कृपा कीजिए।
आशीष दीजिए हर दिन स्वयं को पावन करें, ऊपर उठें। और इस संसार के मायाजाल में इस संसार के पंक में कीचड़ में न फंस जाएं भेड़चाल में न रह जाएं, भीड़ का हिस्सा न बने रह जाएं! हमें अपनी विशेष कृपा से ऊपर उठाइए! जीवन सफल हो सके आशीष दो! भविष्य को ध्यान में रखकर अच्छी योजनाओं के साथ संकल्पपूर्वक हम अपने जीवन को संवारें! और अपना भविष्य ( सौभाग्य )भी सुधारें आशीष दो भगवान! यही विनती है हमारी स्वीकार हो।
2 Comments
शत् शत् नमन गुरुदेव
Excellent prayer cum stuti! Guruve Namah
All your prayers are powerfully worded