Atmachintan

July 8, 2021
भक्ति के प्रवाह को प्रवाहित करने के लिए कुछ सूत्र

भक्ति के प्रवाह को प्रवाहित करने के लिए कुछ सूत्र | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

भक्ति के प्रवाह को प्रवाहित करने के लिए कुछ सूत्र भक्ति तो हम सभी करते हैं परंतु उसके प्रवाह को तेज किया जा सके मतलब भक्ति […]
June 3, 2021
Atmachintan

स्वतंत्र बनो-स्वछन्द नहीं, स्वाभिमान रखो -अभिमान नहीं | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

स्वतंत्र बनो – स्वछन्द नहीं..स्वाभिमान रखो – अभिमान नहीं मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है , हमें समाज के बीच रहना है परंतु कुछ तो विशेषता अपनी […]
April 15, 2021
Atmachintan

नमन करने से मन सुमन होता है | आत्मचिंतन | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

नमन करने से मन सुमन होता है नम जाओ यानी झुक जाओ : झुकने का अर्थ है कि आप विनम्रता की पराकाष्ठा पर हैं। विनम्रता ही […]
April 8, 2021
आत्मचिंतन के सूत्र | Atmachintan

भक्ति में शक्ति आती है गुरुकृपा से | आत्मचिंतन के सूत्र | Atmachintan | Sudhanshu Ji maharaj

भक्ति में शक्ति आती है गुरुकृपा से भक्ति का अर्थ भगवान में लीन हो जाना , समर्पित हो जाना !भक्ति तो सभी करते हैं अपने अपने […]
March 25, 2021
Atmachintan

स्वाभिमानी बनिये | अभिमानी नहीं | यही ज़िन्दगी की पराकाष्ठा है! | Atmachintan

स्वाभिमानी बनिये , अभिमानी नहीं, यही ज़िन्दगी की पराकाष्ठा है! •  स्वाभिमान आपको गिरने नही देगा और अभिमान आपको उठने नही देगा ! • महत्वपूर्ण वाक्य […]