हे प्रभु हमारी संस्कृति में उत्तम संस्कार हो यही विनती है प्रभु | Prayer | Sudhanshu Ji Maharaj

हे प्रभु हमारी संस्कृति में उत्तम संस्कार हो यही विनती है प्रभु | Prayer | Sudhanshu Ji Maharaj

हे प्रभु हमारी संस्कृति में उत्तम संस्कार हो यही विनती है प्रभु

हे प्रभु हमारी संस्कृति में उत्तम संस्कार हो यही विनती है प्रभु

हे प्रभु हमारी संस्कृति में उत्तम संस्कार हो यही विनती है प्रभु

श्रद्धा भाव से सभी दोनों हाथ जोड़कर भगवान से अपने मांगलिक सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना कीजिए! बहुत प्रेम से आंखें बंद कीजिए और माथा शान्त, आंखों में प्रेम, संस्कार और सबके कल्याण की कामना! चेहरे पर प्रसन्नता का भाव, होठों पर एक मुस्कुराहट ले आइए।

निवेदन करेंगे प्रभु से, हे जीवन दाता सर्वशक्तिमान, करुणामय प्रभु सभी भक्तों का प्रणाम स्वीकार कीजिए! परमेश्वर आप ही सबको सुरक्षा देने वाले, सबके संकट मोचक, सबके दाता, सभी के हितैषी, कल्याण करने वाले पिता हो, आप ही अनेक अनेक उपकार करने वाली वह ममतामयी मां हो, जो सदैव अपना स्नेह, अपना वात्सल्य, अपने बच्चों पर उड़ेलती है।

हम प्रभु आपके शरण में हैं

हम प्रभु! आपके शरण में हैं, आने वाला समय हम नहीं जानते, कितना शुभ है, किस प्रकार का है, जब आपकी कृपा साथ में है, आपके सुरक्षा भरे पवित्र हाथों में हम हैं, हर क्षण, हर पल जीवन का सुखमय होगा, हमें आशीष दीजिए प्रभु! हम हर दिन आनंदित रहें, प्रसन्न रहें, हाथों से, इंद्रियों से निरंतर पवित्र कर्म होते रहें।

हमारी चिंतन धारा में निरंतरता से ही सबके कल्याण की कामना हो, सकारात्मक दृष्टि हमारी रहे। हे प्रभु जब तक इस संसार में हम हैं, स्वयंसेवक बनकर जिएं, कर्मठ बनकर जिएं, कर्मयोगी बनकर जिएं। हमें कभी भी किसी के सहारे की, सहयोग की आवश्यकता न पड़े, स्वयं में ही समर्थ, आत्म निर्भर, आनंदित जीवन जी सकें।

प्रभु आपके दर पर आए हुए सभी भक्तों का कल्याण करना, सबकी झोलियां भरना, सबको अपना आशीष दीजिए। यही विनती है हमारी स्वीकार करो प्रभु। हमारी संतानों में उत्तम संस्कार हो, हम अपने संस्कृति के, अपने सनातन वैदिक धर्म को सुरक्षित रखने के लिए प्राणापन से निरंतर जुटे रहें , अपने राष्ट्र को उत्तम बनाने के लिए हमारे हृदय में देशभक्ति हो, हम सब पर कल्याण का आशीर्वाद प्रदान करें, यही विनती है प्रभु स्वीकार कीजिए।

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॐ

Sudhanshu ji Maharaj

prayer , Prarthana 

PRARTHANA BHAJANS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *