शक्ति उपासना के लिए कुछ आत्मचिंतन के सूत्र! | चैत्र नवरात्र | Sudhanshu Ji Maharaj

शक्ति उपासना के लिए कुछ आत्मचिंतन के सूत्र! | चैत्र नवरात्र | Sudhanshu Ji Maharaj

Self-reflection for worshipping Shakti

Self-reflection for worshipping Shakti

शक्ति उपासना के लिए कुछ आत्मचिंतन के सूत्र!

नवरात्रों के लिए सतगुरु देव ने दिए यह परम पावन ज्ञान के मोती जिनको हम सभी पड़ें, समझें और नवरात्रों में प्रवेश करें!

शक्ति जागरण के दिन हैं नवरात्रे; चैत्र नवरात्र हैं संतुलन का प्रतीक! आप भी इन नवरात्रों में स्वयं को संतुलित करें, अपनी सुप्त शक्तिओं को जागृत करें और अपने परम सौभाग्य को जगाएं!

शक्ति की उपासना के लिए संयम साधना और पवित्रता आवश्यक है!
दो दिन पहले ही खेत्री / जौं को जल में भिगो दीजिये और घर की, अपने पूजा घर की पवित्रता और सजावट कीजिये!

कलश साधारण नहीं. ज्ञान का घट है, शक्ति का घट है! गंगा जल सबसे पहले कलश में डालो!
आम्रपाल, आम के पत्ते जरूर रखें. यह समृद्धि का प्रतीक है!

नवरात्रों के लिए परम पावन ज्ञान

नवरात्रों में करें: कलश स्थापना , अखंड दीपक जगाएं , नौ दिन का व्रत या फिर जोड़ा व्रत (पहला और आखरी) करें, सप्तमी वाले दिन हवन जिससे घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और शक्ति जागरण होता है!
अखंड दीप , अखंड नियम, अखंड संकल्प से जागेगा अखंड सौभाग्य!

शक्ति उपासना में ध्यान रखें: आसन लाल या श्वेत ; वस्त्र – काला और नीला प्रयोग नहीं करें ; तामसिक भोजन नहीं करें; सात्विक जीवनशैली अपनाएं!

शरीर में शक्ति ऊर्जा के नौ केंद्र हैं, ९ चक्र. साधना द्वारा मूलाधार से शक्ति ऊपर उठती है और सहस्रार तक जाकर महा गौरी के रूप में जागृत होती है!
मूलाधार के शक्ति को ऊपर उठाना चाहते हैं, जीवन में स्थिरता पाना चाहते हैं, स्वयं को शशक्त बल वाला बनाये रखना चाहते हैं, तो आपको इस चक्र में ध्यान लगाना चाहिए! साथ ही इन में से किसी भी मन्त्र का प्रयोग कर सकते हैं:

ॐ एम ह्रीं कलीम शैल पुत्री नमः ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ॥

स्वाधिष्ठान चक्र में संयम की साधना की जाती है! इससे आता है आत्म नियंत्रण !

उपासना करते हुए अपने मन के भटकाव का समर्पण करें, लोभ को भी अर्पण करें!
माता का शेर पराक्रम का प्रतीक है! आप भी अपने अंदर निर्भयता के लिए और शक्ति पाने के लिए माता का ध्यान करें!

जगदम्बा माँ के रूप को स्मरण कीजिये

अजपा जाप के साथ जगदम्बा माँ परमेश्वरि को आप ज्योति के रूप में स्मरण कीजिये!

अपने भीतर की विशेषताओं को जागृत करने के लिए आप शक्ति माँ का ध्यान कीजिये!
या देवी सर्वभुतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता; निद्रारूपेण संस्थिता; क्षुधारूपेण संस्थिता; शक्तिरूपेण संस्थिता; …
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

माँ का ध्यान, पूजा, शान्ति पूर्वक कीजिये और दूसरों को किसी तरह का कष्ट न दें!

दुर्गा सप्तशती किसी भी भाषा में करो क्योंकि आपका भाव ही माँ तक पहुंचेगा!

आत्मचिंतन

चैत्र नवरात्र,

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