श्रद्धाभाव से भगवान का स्वरूप ध्यान मे लाइए जो आप पूजन करते हैं जिस रुप का आप ध्यान करते हैं या उस परम ज्योति को जिसका प्रकाश सूर्य में चन्द्र में तारों में है जिसकी ज्योति हमारी आखों में विद्यमान है,
वह प्रकाशों का प्रकाश परमेश्वर, उसे ज्ञान रुप में प्रकाश रुप में अनुभव करते हुए अपने हृदय में अहसास कीजिए। मन मन में भगवान का नाम उच्चारण कीजिए।
आशीष मांगिए प्रभु आप पर कृपा करें, भगवान आपके परिवार पर कृपा करें, आपके कारोबार, आपके व्यापार में, आपकी नौकरी में, आपकी कमाई में बरकत दें। चल अचल सम्पदा आए।
उस सम्पदा के साथ साथ उत्तम स्वास्थ्य भी और सदा प्रसन्न रहने का गुण प्राप्त हो। कर्मठ बने रहने की शक्ति आए। दानी, परोपकारी, सेवा भावी एक ऊँचा जीवन आपको प्राप्त हो।
अपने पूर्वजो के यश को आप बढ़ा सकें। आशीष मांगिए प्रार्थना कीजिए दयालु देव कृपा हमेशा बनाए रखना अपने बच्चे पर। मेरी छोटी सी दुनिया आबाद रहे खुशहाल रहे,
मेरे हृदय में पूरा संसार प्रेमपूर्ण ढंग से विराजमान हो और मैं सबके कल्याण की सबके मंगल की कामना करता रहूं पर मेरा विश्वास अपने सद्गुरु पर अपने धर्म और कर्तव्यों पर रहे और मेरी निष्ठा प्रभु आपके चरणों मे हमेशा बनी रहे अपना आशीर्वाद दीजिए।