हे प्रभु संसार में जीने के युक्ती दीजिए। और अपने चरणों की भक्ति दीजिए | Prayer

हे प्रभु संसार में जीने के युक्ती दीजिए। और अपने चरणों की भक्ति दीजिए | Prayer

प्रार्थना

प्रार्थना

प्रभु तेरी ही शक्ति तेरी ही भक्ति और तुझ द्वारा दी गयी युक्ति से ही समस्त कष्टो से मुक्ति मिल सकती है इसलिए कृपा कीजिये संसार में जीने की युक्ति दीजिये और अपने चरणों की भक्ति दीजिये।

संकटो का सामना करने की शक्ति सामर्थ्य दो, वह मति दो जिस मति से हम माया के इस बंधन से मुक्त होकर संसार में अपने आपको कमल की तरह खिला सकें, मुस्कुराते हुए जी सकें, शांति और संतुलन में जी सके। प्रेम से भरे रहें और प्रेम का वातावरण बनाये रखें।

शांति से युक्त रहें और शांति को चारो ओर फैलने दें। करुणा से युक्त हों और जहाँ जहाँ भी हमारी दया और करुणा की आवश्यकता है, सहानुभूति और सहयोग की आवश्यकता है वहां हम इस प्रेम को पहुचाएं।

आपके प्रेम को हृदय में धारण करें और उसी प्रेम से दिव्य प्रेम से इस धरती को प्रेम के धागे से बांधने वाले बन जायें। घर, परिवार, जीवन, वातावरण, परिवेश सभी में आपका प्रेम जागृत हो। हमें प्रेममय बनाइये प्रभु, शांतिमय बनाइये, आनंदमय बनाइये, शक्तिमय बनाइये, सुबुद्धि से युक्त हों।

उनका संग देना जिनके संग से तेरी भक्ति का रंग लगता है। जिव्हा पर तेरा नाम बसे, नाम जपने में रस आये और सेवा करने में आनंद मिले। समर्थ होकर जियें, किसी पर भी हम निर्भर न करें। स्वयं पर निर्भर होकर जीवन को कर्मयोगी का जीवन बना सकें। हमें आशीष दो प्रभु ! सभी का कल्याण हो, सबका ही मंगल हो, विनती को स्वीकार करना !

ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॐ

बुद्धं शरणं गच्छामि का अर्थ क्या है?

1 Comment

  1. Gouri Shanker Jaiswal says:

    Om namah shivaya Om namah bhagwatey vasudevaya

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