अपने इष्टेदव का स्वरूप अपने आंखों में ले आइये। हृदयपूर्वक उन्हें नमन कीजिये और मन-मन में तीन बार अपने इष्टदेव का, अपने प्रभु का नाम मन-मन में जाप कीजिये और निवेदन कीजिये कि तुम्हारी कृपा से ये जीवन चल रहा है, हृदय धड़क रहा है, श्वांसे लगातार गतिमान हैं। आप ही ने इस दुनिया में भेजा है प्रभु, आप ही ने हमारे कर्म निर्धारित किये हैं।
अपना कर्त्तव्य करने में ये बुद्धि सुबुद्धि बनी रहे, ये पग आपकी राह में चलते रहे, हाथों से आपकी सेवा करें नमन करें, लेकिन कभी किसी का हक ना मारें, किसी का अधिकार न छीनें। इस हृदय में तेरा प्रेम रहे लेकिन किसी के प्रति घृणा और बैर न रहे। आंखें आपके भद्ररूप का दर्शन करें लेकिन ईर्ष्या से जलें नहीं। जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच हम कभी निराश न हों।
चेहरे पर प्रफुल्लता-प्रसन्नता सदा बनी रहे। भगवान हमेशा हमें सम्हाले रखिए। आपके सहारे की हमेशा ही हमको आवश्यकता है और अपने रक्षा भरे हाथों को हमारे सिर पर बनाए रखना। हे प्रभु! आपके दर पर श्रद्धाभाव से जितने भी लोग इस समय जुड़े हुए हैं आपसे प्रार्थना कर रहे हैं, सभी चाहने वालों की झोलियां भरना।
जिनके पास नौकरी नहीं उन्हें नौकरी देना, जिनके घर में रोग-शोक-दोष-क्लेश बना हुआ है उनको निरोग करना प्रसन्नता देना उनके घर में सुख-शान्ति बरसाना। अन्न-धन की कहीं कमी है तो समृद्धि देना, सन्तान की कमी है तो उनके आंगन में किलकारियों की गूंज अवश्य बन जाये। जो पिछड़ गये हैं वे आगे आएं जिनका मन टूटा हुआ है वो फिर से सम्हलें और उन्नति करें। कोई भी जो झोली फैलाये बैठा है सभी की झोली भरना किसी को खाली मत रहने देना।
आपके हजारों-हजारों भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करना प्रभु और सबपर कृपा दृष्टि बरसाना और ये मैले ऐसे ही सजते रहे, सत्संग की लहर चलती रहे, सत्कर्म होते रहें, तेरा नाम सिमरन होता रहे, नाम जपे-जपाएं, ज्ञान ध्यान में सब लोग लगे और दूसरो को भी प्रेरित करें, शुभ मंे सभी लोगों की अभिरुचि बने यही विनती है, प्रार्थना है प्रभु! इसे स्वीकार करना प्रभु!
ओम् शान्तिः शान्तिः शान्तिः ओम्
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Good honest prayer. Just a word of THANKS is enough for God who does not keep a record of what He has given to children like us. But prayers mean a lot. Om Guruve Namah