हम सभी आपके चरणों में उपस्थित होकर प्रभु आपको प्रणाम करते हैं आपकी समस्त कृपाओं के प्रति, अनुग्रह के प्रति श्रद्धाभाव से हम आपना सिर झुकाते हैं। इस पूरे संसार में प्रभु आपके नियम, आपकी व्यवस्थायें काम करती हैं। पूरा संसार आपके नियंत्रण में नियंत्रित है। आपकी दिव्य योजना के अनुसार ये पूरा जगत चलता है।
हे प्रभु! हम अपने जीवन में सुख-शांति, आनंद और अनेक प्रकार की सफलताओं की कामना करते हैं। ये सभी हमें तभी प्राप्त होंगी जब आपकी कृपा हमारे जीवन में आयेगी। इस कृपा का ही ये हिस्सा है कि जिस जीवन में योजना है, जो जीवन सुव्यवस्थित है, जो जीवन अनुशासित है, जिस जीवन में कुछ नियम काम करते हैं।
जो स्वयं पर शासन करना जानता है वही अन्यों पर भी शासन करने का अधिकार रखता है। प्रभु! हमें ये शक्ति दो कि हमारा जीवन अनुशासित हो जाये, हम नियमित हों, योजना बनाकर अपने जीवन को चलाएं, स्वयं पर नियन्त्राण रखें और हमारे जीवन में भाग्य के अनुसार जो भी सुख-दुख हैं उसमें हम संतुलन बनाकर चल सकें, हर दिन का स्वागत कर सकें, ऐसा हमें आशीष दीजिये।
हमारी ये भी प्रार्थना है प्रभु! हमारी जिह्य पर अपना नाम बसाइए, हम हर दिन सांसारिक कर्त्तव्य करते हुए, हमनी जिम्मेदारियों एवं उत्तरदायित्व निभाते हुए आपके प्रति भी जो हमारा उत्तरदायित्व है कि इस मनुष्य जन्म में ही हम आपको प्राप्त कर सकें इस संतुलन को बनाकर हमें चलें।
प्रभु! आपके दर पर आये हुये सभी भक्तों की झोलियां भरिए, सबको मालामाल कीजिये-निहाल कीजिये, सभी सुखी हों-आनंदित हों, आशीर्वाद दीजिये। यही हमारी विनती है, स्वीकार हो।
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ईश्वर का बारंबार धन्यवाद करते हैं। इस जीवन में ऐसे सत गुरुदेव का सानिध्य प्रदान किया।