हे भगवान! जब तक हम जियें, आत्मनिर्भर होकर जियें। कभी किसी की सहायता, सेवा, सहयोग लेने की इच्छा हमारे मन में न आये।
मांगने की इच्छा हो तो , भगवान् , तेरे दर पर ही आकर पुकारे । दुनिया का भरोसा हो ना हो, लेकिन भगवान! तेरा भरोषा सदा बना रहे ।
दुनिया भले ही मिलकर छूट जाय, लेकिन तेरा दामन कभी न छूटे। दुनिया ठुकरा दे तो ठुकरा दे, लेकिन भगवान्, तू कभी न ठुकराना।
यह दुनिया भले ही रूठ जाय, लेकिन भगवान् तू कभी रूठना नहीं, और मुह मोड़ना नहीं, सदा हमें अपनी चरण शरण में रखना ।
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Apka asribad sada banaya raha
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा!
ॐ shanti. Hari om.
ॐ shanti. Hari om.
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