दोनों हाथ जोड़ लीजिए। प्रेमपूर्वक आंखें बंद करें। कृतज्ञता पूर्वक अपने भगवान के प्रति आभारी हों। और प्रार्थना करो इस जीवन के लिए, इस सृष्टि के लिए, जीवन में दिए गए समस्त अवसरों के लिए, उन सबके लिए जिन्होंने साथ दिया संभाला उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट कीजिए!
धन्यवाद दें उन माता-पिता को जिन्होंने पाला पोसा, संभाला, रक्षा की, अपना समय अपनी शक्ति अपना धन अपना प्रेम अपना सहारा देकर हमें इस योग्य बनाया कि जीवन में हम अपनी स्वतंत्रता के साथ यात्रा शुरू कर पाए! वो सगे संबंधी जिनका प्यार जिनकी प्रेरणायें आपको आगे बढ़ाती रहीं! वो शिक्षक वो गुरुजन जिन्होंने आपकी जिंदगी में रंग भरे आपको कीमती बनाया!
उनका भी धन्यवाद करना जिन ठोकरों ने आपको जीना सिखाया खड़ा होना सिखाया! उनके प्रति भी मंगलकामना कर लेना जो आपकी तरक्की देखकर जलते रहे, जिन्हें आपकी खुशी बर्दाश्त नहीं हुई, जो बाधाएं डालते रहे आपको खड़ा होने के लिए, जिन्होंने हर पल कोशिश की कि ये खड़ा ना हो सके!
भगवान से प्रार्थना करो भगवान उनका भी भला हो! सबका कल्याण! आपका कल्याण तो अपने आप होगा! सुख देने वाले को सुख मिलेगा!
मंगलकामना करने वाले का शुभमंगल भगवान अपने आप करते हैं!
समस्त प्राणीमात्र के प्रति करुणामय दृष्टि लेकर! सब सुखी सुरक्षित आनंदित रहें। और प्रभु से कहें कि प्रभु! अब तक निभाया है आगे भी निभाना, अब तक संभाला है आगे भी संभालना, अब तक रक्षा की है आगे भी रक्षा करना! और जैसे अब तक दिया है देते रहना! आपका ही विश्वास है और आपसे ही आस है! जब तक यह श्वास है तुम्हारा ही भरोसा! तुम्हारी ही शरण! दया रखना भगवान! सभी का कल्याण हो! सभी सुखी हों!
ॐ शान्ति शान्ति शांति: ॐ
1 Comment
इन्सान को अपना मन एकाग्र करना बहुत मुश्किल है।