पूरी दुनिया से अपना ध्यान हटाइए और अपने माथे के बीच जहां तिलक लगाते हैं वहां अपना ध्यान टिकाएं, माथे पर शांति अनुभव करें, माथे को ढीला छोड़िए, पलकों को कोमलता से बंद रखें, चेहरे से तनाव हटाएं। एक लंबा गहरा श्वास भरें और ओंकार का उच्चारण कीजिए।
ॐ….
मेरे साथ उच्चारण कीजिए….
सौभाग्यं देहि आरोग्यं देहि परम सुखम् देहि यशो देहि द्विषोजहि द्विषोजहि द्विषोजहि।
भगवान आप सबके जीवन में आरोग्य दे, सौभाग्य दे, परम सुख प्रदान करें, आपका यश बढ़े और आपके जीवन में प्रेम की अभिवृद्धि हो सबकी भक्ति और शक्ति बढ़े सबका कल्याण हो।
भगवान से निवेदन करते हैं दयालु देव परमेश्वर मेरे अपने भक्तों का कल्याण कीजिए उन्हें अपनी भक्ति का रसास्वादन कराइए, उन्हें सेवा का वह अवसर प्रदान करो कि उनका जीवन धन्य हो जाए।
उनके अंदर दान की प्रवत्ति देना भगवान कि वो जिंदगी भर दानवीर बनकर जिएं उनके हाथ खाली न रहें उनकी झोलियां भरी रहें और अपने हाथों से शुभ कर्म करते रहें।
इन सबका हृदय प्रेम, दया और करुणा से ओत-प्रोत रहे, धर्म वाले हों, भक्ति वाले हों, कर्म वाले हों, दायित्वों को निभाने वाले बन जाएं। सब पर अपना आशीर्वाद आप प्रदान कीजिए।
सबका कल्याण कीजिए।
हमारी प्रार्थना को स्वीकार कीजिए प्रभु।
ॐ शान्तिः शान्ति शान्तिः ॐ ॥
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