मन ही मन भगवान से प्रार्थना कीजिए कि प्यारे प्रभु! हम आपके बच्चे बालक, बालिकाएं आपके चरण शरण में उपस्थित होकर आपको बारंबार नमन करते हुए अनेक-अनेक अनंत-अनंत कृपाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं!
जो आप निरंतर हमारे ऊपर अपनी कृपाएं, अपने वरदान, अपनी रहमत बरसाते रहते हो प्रभु बारंबार-बारंबार आपको प्रणाम और बारंबार आपको कोटि-कोटि नमन है! प्रभु धन्यवाद है प्रभु, कृतज्ञ हैं, आभारी हैं!, हमारा हृदय, हमारा मन, हमारा चित्त गदगद होकर आपकी कृपाओं के लिए बार-बार आभार व्यक्त करता।
प्यारे प्रभु! आप संकट मोचक बनकर हमारे संकटों को हटाते हैं! हमें नई शक्ति देते हैं, हम अपनी समस्याओं का समाधान खोजते हैं. जूझते हैं! लेकिन सफल होते हैं! तो आपकी कृपा से ही, आगे बढ़ते हैं! तो आपकी कृपा से जीवन में जो भी सुख, शांति, खुशीयां हमारे पास हैं! वह सब आपकी कृपा का फल है।
हे प्रभु! सदा हमारा हाथ पकड़े रहना, हमारे अंग संग रहना, हमें अपनी राह पर चलाते रहना, कभी भी किसी भी समय, किसी भी स्थिति में, किसी भी परिस्थिति में, प्रभु हमें भूलना नहीं, हमें छोड़ना नहीं! आपकी कृपा हमेशा बनी रहे हमारी प्रार्थना स्वीकार करना।