हे प्रभु हमारे हाथों से शुभ कर्म हो, देने में हमारे हाथ कभी खाली न हों | प्रार्थना

हे प्रभु हमारे हाथों से शुभ कर्म हो, देने में हमारे हाथ कभी खाली न हों | प्रार्थना

हे प्रभु हमारे हाथों से शुभ कर्म हो, देने में हमारे हाथ कभी खाली न हों

प्रार्थना

आइए दोनों हाथ जोड़ लें और शांत होकर प्रेमपूर्वक आंखें बंद करके प्यारे प्रभु का ध्यान करें, मन मन में अपने इष्टदेव का नाम स्मरण कीजिए तीन बार, उनकी कृपा को अपनी ओर आते हुए अनुभव कीजिए  महसूस कीजिए कि प्रभु आपको बहुत प्यार करते हैं। ऐसी प्रार्थना करते हैं

आपका कोई सगा आपका कोई सखा आपके हित में कल्याण में सदैव जिसका ध्यान हो ऐसा सदैव इस जगत में व्यक्ति नहीं मिलता लेकिन जो सदा ही हित करे वो तो परमात्मा ही है।

जो आपके लिए शुभ सोचे वो परमात्मा का प्रतिनिधि सद्गुरु, अपने सद्गुरु के प्रति श्रद्धा का आशीष मांगिए और प्रभु से अखंड भक्ति मांगिए जिव्हा पर उसका नाम हमेशा बसा रहे।

प्रार्थना करते हुए भगवान से निवेदन कीजिए

हमारा ध्यान भगवान में लगे और हमारे हाथों से शुभ कर्म हो, देने में हमारे हाथ कभी खाली न हों मुख मंडल प्रसन्नता से भरपूर रहे हृदय प्रेम और करुणा से युक्त हो एक ऊंचा अच्छा व्यक्तित्व जीवन का बने ऐसी प्रार्थना करते हुए भगवान से निवेदन कीजिए।

हे प्यारे प्रभु अपने सत्य मार्ग पर सदैव चलाना धर्म के मार्ग पर चलाना प्रकाश की ओर बढ़ें अंधेरों से भटकाव से भ्रम से हम ऊपर उठ सकें जीवन आनंद से परिपूर्ण हो सदैव मन में शांति और संतुलन बना रहे सभी का कल्याण कीजिए।

ॐ शांति शांति शन्तिः ॐ

1 Comment

  1. Jaya Dadlani says:

    Very nice Prayers …looking forward many more
    Thank you Guruji…Hariom

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