दोनों हाथ जोड़ लीजिए सभी लोग और बहुत प्रेम से कोमलता से अपनी आंखें बंद कीजिए
माथा शांत कीजिए
ब्रह्मांड से आती हुई परमात्मा की परम शांति को अपने मन और मस्तिष्क में उतरने दीजिए
परमात्मा के प्रेम को अपनी आंखों में महसूस करें
उसकी करुणा, उसकी दया ये चारों ओर बरस रही है
उसका प्रेम जो चारों तरफ फैला हुआ है उस प्रेम को अपने हृदय में अनुभव कीजिए और सबकी मंगल कामना कीजिए कि हे प्रभु सबका कल्याण हो सब सुखी आनंदित हों
किसी भी आंख में आंसु न आए हर घर में खुशहाली रहे
रोगियों को रोग मुक्त करना प्रभु
जिनके पास निर्धनता है उन्हें अपनी कृपा से सम्पन्नता प्रदान करना
जो जीवन में आनंद से शांति और प्रेम से बिछुड़ गए हैं उनके हृदय को फिरसे हरा कीजिए प्रभु
प्रेम शांति और प्रसन्नता का संचार हो उनके जीवन में
आपके दर पर आए हुए सभी भक्तों को अपना प्रेम देना अपनी कृपा का स्पर्श देना और अपने चरणों में चलने की शक्ति नाम जपने का अधिकार देना प्रभु
जीवन की जो भी बची हुई सांसे हैं वो सकारत हो जाए ठीक ढंग से इस जीवन का उपयोग हो सके
हम पर अपना अनुग्रह अपनी कृपा कीजिए
हम आपको बारंबार प्रणाम करते हैं
आपकी अनंत-अनंत कृपाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं
सिर झुकाकर आपको वंदन करते हैं प्रभु
हमारा नमन स्वीकार हो
ॐ शान्ति: शान्ति शान्ति: ॐ
प्रार्थना, Prayer , Sudhanshu Ji Maharaj
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