गुरु द्वारा जीवन में दिव्येता आती है | आत्मचिंतन के सूत्र- 8 | Sudhanshu Ji Maharaj

गुरु द्वारा जीवन में दिव्येता आती है | आत्मचिंतन के सूत्र- 8 | Sudhanshu Ji Maharaj

आत्मचिंतन के सूत्र- 5 | Sudhanshu Ji Maharaj

गुरु द्वारा जीवन में दिव्येता आती है

जीवन के लिए निरंतर प्रशिक्षण की ज़रूरत है जिसके द्वारा ही अपने स्वाभाव को विकसित करते हुए हम खुद को उतना योग्य बना पायें की संसारिक दौड़ में हर तरह से सफल हो सकें !
प्रशिक्षण के लिए ज़रूरी है मार्ग दर्शन और गुरु होता है मार्गदर्शन देने वाला!
जो हमें युक्ति बताए उसकी ज़रूरत है; उसकी जो जीवन में प्राण फूककर प्राण डालता है; वह जो ईश्वर से जोड़ता है; वह जो हमारी निष्ठा बढ़ता है; इस लिए रोज़ अपना मॅन गुरु से जोड़ें, परमात्मा से जोड़ें !
गुरु से, परमात्मा से किसी भी मध्यम से जूडो लेकिन रोज़ जुड़ना ज़रूरी है!
सबके अंदर दिव्येता होती है लेकिन उसको प्रकट करना होता है. जैसे अग्नि को प्रकट करना होगा.! जब तक आपके अंदर भगवत तत्व को जागृत ना किया जाए तो वह प्रकट नहीं होगी और गुरु जो विधि देता है उसे करके हम अपनी शक्ति को जागृत कर सकते हैं!

1 Comment

  1. Pravin Rajput says:

    गुरु जी मे आपसे जुड़ना चाहता हू

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