भैयादूज के व्रत एवं पूजन से उत्तम भोजन एवं धन की प्राप्ति | Sudhanshu Ji Maharaj

भैयादूज के व्रत एवं पूजन से उत्तम भोजन एवं धन की प्राप्ति | Sudhanshu Ji Maharaj

भैयादूज के व्रत एवं पूजन

भैयादूज के व्रत एवं पूजन

भैयादूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला महान पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली के दो दिन बाद आने वाल ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है।  इस पावन दिन बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिये कामना करती हैं। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था।

उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार सन्तोषपूर्वक रहे।

उन सब ने मिलकर एक महान उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था। इसीलिये यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई।

जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की भी प्राप्ति होती रहती है। इसलिये इस दिन बहन के हाथों का भोजन कर उसे यथा सामर्थ्य उपहार अवश्य भेंट करना चाहिये।

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