• गुरु जीवन हैं, प्राण हैं शिष्य के – गुरु बिना जीवन वैसे ही असंभव है जैसे जल के बिना मछली जी नहीं सकती
• सदगुरु का सानिध्य इतनी शक्ति भर देता है कि कितनी भी विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ जाए, व्यक्ति टूटता नहीं, पार होता चला जाता है और अपनी मंज़िल को पा लेता है पर चाहिए पूर्ण श्रद्धा और गहरा समर्पण
• गुरुतत्व को समझना आसान नहीं, जो रूप हम गुरु का बाहरी आंखों से देखते हैं- वह उनका वास्तविक रूप नहीं है : उसके लिए दिव्य चक्षु चाहिए जैसे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिए थे
• गुरु तो अपनी करुणा बरसाने को तैयार बैठे हैं- हम ही अपनी पात्रता विकसित नहीं कर पाते : इसलिये अपने को इतना तरल बना दो की गुरु जैसा चाहे वही रूप तुम्हे दे सकें , फिर देखो क्या चमत्कार जीवन मे घटित होता है
• आप कितनी भी दूर बैठे हों गुरूकृपा हर स्थान पर आप पर बरस रही होती है क्योंकि गुरु की रश्मियाँ स्थान की दूरी से नही, ह्रदय की संवेदनाओं से आती हैं
• एक बार जब मान लिया तो अपना पूरा समर्पण कर दो उन चरणों मे : रहस्यमयी विद्या स्वतः प्रकट होने लगती हैं शिष्य के ह्रदय में
• गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाँय- गुरु का रिश्ता तो भगवान से भी ऊपर है प्रथम पूज्य चरण तो गुरु के हैं क्योंकि उन्होंने भक्ति का मार्ग दिखाया
• कभी कभी गुरु कठोर रूप भी धारण कर लें तो यह भी उनकी कृपा ही मानना क्योकि वह खुरच खुरच कर हर दोष से मुक्त करना चाहते है
• गुरु धारण करना कोई फैशन नहीं है, जब मानो तो उनके प्रत्येक वचन का पालन करो
• गुरु अपने तप का बल अपने शिष्यों को देकर उन्हें सुखी और समृद्ध देखना चाहते हैं, उनकी कृपाओं से हम किस तरह उऋण हो सकते हैं
• गुरु को मानने का मतलब इतना नहीं कि उन्हें मान लिया, प्रत्येक वचन को पूर्णतः पालन करना और जीवन मे धारण करना होगा
• सबसे बड़ी गुरुभक्ति यही है कि हम गुरुकार्यों में हर प्रकार सहयोग करें- तन, मन, धन से गुरु के सेवप्रकल्पों में अपना सामर्थ्य अर्पित कर सकें
• ध्यान में गहराई में उतरो: गुरु वही अपना अहसास कराएंगे, दर्शन देंगे : पूर्ण निष्ठा के उनके होकर देखो – सब कुछ पा जाओगे
गुरुपूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं
5 Comments
बिलकुल सही बात है। आपका बहुत- बहुत आभारी हूँ। आपके श्री चरणों में सादर दण्डवत प्रणाम निवेदित करता हूँ।
Thanks a lot Gurudev ji apki kripa apne sadko par sada barsati rahe aur hum Danya Ho jave. Thanks .☝☝️
Hari Oum. Jai Shree Sadguru Dev
koti koti pranam Maharaj shri ji
guru ji !
ap ki kirpa se apne niyam to karhi lete h …par guru ji gar valoo ko pata nhi kaya chahiye. gar ke kam bhi sab pure ho rhe h daya meher se …par log virodhi karne lge h riste nate to pahle hi chut gye h .guru ji ab lo gar me bhi log ersha karne lage h ..dikhana chate h tu kuch nhi ho jo ho hamari vajh se ho .or guruji ye sab ap ki daya mehar h ki sab thik chal rha h . jante bhi h par pata nji kayoo aj kal sab suvathi ho gye h ..karna kuch nhi chahiye sab kuch ..guru ji ap apni kirpa banaye rkhe taki saphar pura ho sake . he guruvar bas dhayan ap ke shri charnoo m laga rhe .baki to ab sab chuta hi ja rha h .ye to sab ko ab paresani bhi h ki pahle ki tarh kyo nhi age age nache phirte ..kayoo ki ab aasra ap ke shi charnoo ka le liya h to ab or kahi dil lagta hi nhi . parnm Maharaj shri ji Thanks by Hartley ji
हे गुरुदेव गुरु पूर्णिमा आने वाली है आपकी कृपा आपके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।
आपका आशीर्वाद मुझ पर और मेरे परिवार पर सदा बना रहे। भारत भूमि पर भी आपका आशीर्वाद बना रहे अभी आपदाओं से गुजर रहा है यह देश।
ॐ गुरुवे नमः।।