हे दयालु कृपालु देव हे परमेश्वर घट घट वासी अंतर्यामी दयानिधान कृपानिधान भगवान हम सभी भक्तों की प्रार्थना है!
हम नहीं जानते हमारे लिए शुभ क्या अशुभ क्या।
प्रभु जो शुभ हो हितकारी हो जिसमें हमारा कल्याण छिपा है वही तू हमें देना। हम कभी कभी नासमझी में भी न जाने क्या क्या मांग लेते हैं। ऐसा कुछ मांग लेते हैं जो हम सोचते हैं कि इससे हमारा भला होगा पर वास्तव में उससे भला नहीं होता।
हमारी भलाई को तो आप जानते हो भगवान! हमारे भविष्य को भी जानते हो हमारे अतीत को भी जानते हो!
आप ही हमारे लिए वह सब देना जिसकी हमको जरूरत है, जिससे हमारा कल्याण हो। यही प्रार्थना है!
उन राहों पर लेकर चलना जिन राहों पर चलते चलते हम अपना कल्याण कर सकें, दुखों से बच सकें, पूर्ण शान्ति और सुख को पा सकें।
वही हमारे से कराना जो हमारे लिए कर्तव्य है और जिसे करते करते हम आपकी शरण को प्राप्त कर सकें और इस लोक में भी सफल हों परलोक में भी सफल हों।
ये कदम उसी ओर बढ़ें जो यात्रा प्रभु आपकी तरफ ले जाए, सुख और शांति की तरफ ले जाए।
उन्हीं का संग जीवन में रहे जिनके संग का रंग लगकर हमारा जीवन निखरे, हमारे जीवन के अंदर खुशियां आएं।
हे प्रभु! आपके दर से आस लगाए हुए जो भी बैठे हैं, जिस जिस कामना को लेकर बैठे हैं उस कामना को ध्यान में रखते हुए उनके हित और कल्याण को ध्यान में रखते हुए उनकी कामना को अवश्य पूरी करना।
कष्ट दूर करना, बाधाएं विघ्न हटाना, सुख समृद्धि प्रदान करना।
जिन भक्तों के द्वारा आपका ये यजन हुआ, ज्ञान यज्ञ चला उन सब पर भी अपनी करुणा बरसाना भगवान।
सभी सुखी हों आनंदित हों हमारी प्रार्थना को स्वीकार कीजिए!
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति: ॐ