सभी दोनो हाथ जोड़ लीजिए और प्रेम से आंखे बंद कर लें ! सब के मंगल के लिए, शुभ के लिए, धरती, आसमान, जल, थल सभी के लिए सुख और शांति की कामना करें हम सब लोग,
शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में, शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में, शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में….
जल में, थल में और गगन, अंतरिक्ष में, अग्नि, पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में, शकल विश्व में जड़चेतन में, शकल विश्व में जड़चेतन में शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में….
ज्ञानी के उपदेश वचन में, धनीक जनों के धन में, मन में और श्रमिक के घर आंगन में शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में, शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में….
शांति राष्ट्र निर्माण सृजन में, नगर ग्राम में और भुवन में, जीव मात्र के तन में, मन में और जगत के हो कण-कण में और जगत के हो कण-कण में शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में, शांति कीजिए प्रभु त्रिभुवन में।
भगवान सबको सुख दे, शांति दे, सबके जीवन में सब प्रकार से शुभ मंगल हो ऐसी प्रार्थना करते हैं प्रभु, स्वीकार कीजिए।
ॐ शान्तिः शान्ति शान्तिः ॐ ॥