*प्रार्थना!*
हे जगत जननी माँ! आप जैसा इस जगत में कोई नहीं है! निर्बलों की शक्ति, निर्धनों का धन,हम भक़्तों की श्रद्धा व आस्था भी आप ही हो! हे जगदम्बे! बेसहारों के सहारे आप ही हो! इस जगत में एक आपका ही दर ऐसा है जहाँ सबके आंसुओं का हिसाब होता है!
इसी दर पर सबकी खाली झोलियां भरी जाती है! हे वैष्णवी जिसकी आप झोली भर देती हो फिर उसे कभी गरीबी नहीं सताती है!
हे अम्बे माता!जो आपके दरबार में आकर बैठें हैं,उन्हें अपनी अनुकम्पा प्रदान करें!
भक्ति एवं शक्ति का हमें दान दीजिए! हमारे जीवन का हर पल, हर पग आपकी ओर लगा रहे! हे जगदम्बा माँ!
हमारे अन्दर प्रेम की ज्योत सदैव जलती रहे,सदैव अपने सतगुरु के बतायें मार्ग पर चलें ऐसी समझ व सोच बनी रहे! हे ब्रह्माणी!
हमारी इस विनती को स्वीकार करे!
ॐ शांति:! शांति:!! शांति ॐ
जय माता की!
ॐ गुरुवै: नमः!
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We must invoke Mother Shakti to get her grace particularly during Navratri twice a year. Jai Mata Di.
Jai gurudev