आत्मचिंतन के सूत्र: | दीपों की चमक से अपने सौभाग्य की वृद्धि करने के लिए कुछ सूत्र! | Sudhanshu Ji Maharaj

आत्मचिंतन के सूत्र: | दीपों की चमक से अपने सौभाग्य की वृद्धि करने के लिए कुछ सूत्र! | Sudhanshu Ji Maharaj

दीपों की चमक से अपने सौभाग्य की वृद्धि करने के लिए कुछ सूत्र!

दीपों की चमक से अपने सौभाग्य की वृद्धि करने के लिए कुछ सूत्र!

आत्मचिंतन के सूत्र: दीपों की चमक से अपने सौभाग्य की वृद्धि करने के लिए कुछ सूत्र!

सुख-शांति लाने के लिए सुख-समृद्धि के दीप जलाएं! अपने चारों ओर समृद्धि लाएं। इन दीयों की चमक आपके भीतर को भी दिव्य प्रकाश से भर दे और आपके सच्चे स्व को जगाए।

श्री यंत्र देवी लक्ष्मी का सच्चा प्रतीक है और इस यंत्र पर ध्यान करना सुख-समृद्धि, शांति और अच्छा स्वास्थ्य लाने का एक शुभ तरीका है।

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

इस मंत्र का जाप करने से हमारे जीवन में अपार शांति और खुशी आती है और हमें देवी लक्ष्मी की दिव्य कृपा मिलती है। तो इस मंत्र का जाप इस दिवाली या किसी भी दिन करें।

इस दिवाली दिव्य दीपक जलाएं और अज्ञान के अंधेरे को भीतर से दूर करें। खुशी और खुशी का त्योहार सभी को एक दूसरे के करीब लाता है और दुश्मनों को भी माफ कर दिया जाता है।

घरों, मंदिरों, कार्यस्थलों और हर जगह रोशनी लाने और अंधेरे को दूर करने के लिए तेल के दीपक जलाए जाते हैं। दिल में भी दीया जलाना न भूलें। यह दिव्य प्रकाश अज्ञान के अंधकार को दूर करेगा। यह आपको सच्चे आत्म और सर्वोच्च शक्ति से आने वाले सच्चे आंतरिक प्रकाश से परिचित कराएगा।

यह सौभाग्य प्रदान करने वाला पर्व है!

तो इस दिवाली को स्वयं का सच्चा जागरण बनाएं और दीपावली का त्योहार समाप्त होने के बाद भी प्रकाश को प्रज्वलित होने दें। हर दिन दिवाली हो और दिव्य प्रकाश आपके दिल और आत्मा को भर दे! दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का बहुत महत्व है क्योंकि यह सौभाग्य प्रदान करने वाला पर्व है!

गणपति की कृपा पाने के लिए और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली पूजन में एक बड़ा चौमुखा सजा हुआ दीया आक की रुई बत्ती के साथ और इसके चारों ओर छोटे दिए रखकर फिर पूजन करना चाहिए!

सौभाग्य बढ़ाने के लिए दीपावली पर स्वर्ण श्री यंत्र की पूजा का महत्व भी है! स्वर्ण ज्योति उन्नति का प्रतीक है! अब इस यंत्र को इस तरह रखो जिससे की दीये की लौ इस यन्त्र पर पड़े और वह चमक आपके आज्ञा चक्र पर पड़े।
ऐसा करने से आपकी भाग्य रेखा जागृत होती है।

1 Comment

  1. Mamta Thakur says:

    शत् शत् नमन गुरुदेव

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