प्यारे ईश्वर को उसके अनुग्रह के प्रति धन्यवाद कीजिए, इस जीवन के लिए धन्यवाद कीजिए,परिवार के लिए धन्यवाद कीजिए। विषम परिस्थितयों के बीच भी जिंदगी का दिया जल रहा है और चारो ओर हमारा प्रकाश फैल रहा है। एक-एक दिन सुरक्षित कर रहा है वो, पहरेदार बनकर जो हमारे सोने के बाद हमारी रक्षा करता है।
हमारे कहीं पहुंचने से पहले हमें जो मिलना चाहिए उसकी व्यवस्था करता है। डॉक्टर दवा देता है और ठीक करने का काम वैद्य बनकरके परमात्मा करता है। आंखें बंद होती है हमारी लेकिन चैन देना और नींद देने का काम भगवान करता है। भोजन हम करते हैं लेकिन उसका रस रक्त बनाकर ऊर्जा में डालने का काम मेरा परमात्मा करता है।
जिसने मेरे लिए ही नहीं एक छोटे से छोटे जीव का भी प्रबन्धन और व्यवस्था की है, जिसने आकाश में उड़ने वाले परिंदों के लिए भी व्यवस्था की है, जो रेंगने वाले जीवों का भी ध्यान करता है और बड़े से बड़े विशालकाय जीवों का भी जिसको ध्यान है। दुनिया में बुलाता भी है जो और भेजता भी वापिस वही है। उस प्यारे परमेश्वर को ध्यान में लेकर आइये। कितने भी नाम से हम उसे पुकारें, कितने भी तरीकों से पुकारें, कैसे भी बोलें सुनने वाला एक है। हाथ उठाने वाले और झोली फैलाने वाले लाखों-करोड़ों लोग हैं, पर झोलियां भरने वाला तो एक ही है। सब पर कृपा करने वाला एक है। उस मालिक का हृदय के भाव के साथ धन्यवाद कीजिए।
मेरी बिगड़ी बनाने वाले, मेरे करतार तुम्ही हो, मेरा संसार तुम्ही हो और जीवन का सार तुम्ही हो, तुम्हें बारम्बार प्रणाम है मेरे प्रभु। हर दिन सम्भाले रखना और सत्य पथ से, धर्म के पथ से, भक्ति के पथ से कभी डिगने मत देना भगवान। सदैव कैसे भी सम्भाले रखना पर अपनी राह पर चलाते रखना। ये मुस्कान कभी कम न हो, हृदय का प्रेम कभी घटे नहीं।
सामर्थ्य बना रहे और योग्यता, क्षमता इसे जरूर बनाये रखना भगवान। आपकी कृपा से हम कभी वंचित न हो और अपने गुरु के आशीर्वादों से हमेशा हमारी झोलियां भरी रहे। हे करुणा निधान कृपा करना, यही विनती है। आपके दर पर आये हुए जितने भी भक्त हैं, आपसे आस लगाकर बैठे हैं और आपके प्रति विश्वास जिनका है, कल्याण करना प्रभु सबका, सबकी झोलियां भरना। विनती को स्वीकार कीजिए।