दुनिया मे हर तरह के लोग आपको मिलेंगे, आपका मनोबल तोड़ने का प्रयास करेंगे, परंतु आपको अपना मन मजबूत बनाकर ऊंचा उठने का प्रयास करते जाना है!
लोग तो निराशा वाली बातें करेंगे ही , आपको उनकी बातों को सुनकर उपेक्षा करनी है और आज के यह आत्मचिंतन के सूत्र अपने साथ लेते जाना!
अगर आपका मन मज़बूत है तो उनकी चुनोती को सुनकर उसका जवाब दो – जिनका मज़ाक उड़ाया जाता है, वही इतिहास रचकर दिखाते है पर इसके लिए लगातार अपने आप को प्रेरित करना होगा !
शुद्धिकरण जैसे शरीर को पवित्र करने के लिए जरूरी है वैसे ही अपनी आत्मा को पवित्र करने के लिए गुरु वचनों में लगातार डुबकी लगानी जरूरी है !
गंगा में स्नान करने के बाद लोग घर गंगाजल लेकर भी आते हैं, इसी प्रकार गुरुवाणी की ज्ञान गंगा में डुबकी लगाने के बाद कुछ ज्ञान के अमृत बिन्दु अपनी डायरी के पन्नो में सजाकर सुरक्षित रखा करो !
अपना समय व्यवस्थित करने की योजना बनाएं! जिसने अपने समय को बाँध लिया वह सफलता की बुलंदिओं को जरूर छूएगा!
चुम्बक में इतनी शक्ति है कि अपने से कई गुना वज़न को भी खींच सकता है– उसी प्रकार आप अपने मस्तिष्क के चुम्बक को इतना शक्तिशाली बनाओ की वह दुनिया की हर सकारात्मक चीज को खींच कर ला सके!
अगर ऊंचा उठना है तो विनम्रता को अपनाना होगा! भगवान् को भी विनम्रता पसंद है, कठोरता नहीं!
डरते को डराती है दुनिया और गिरते को गिराती है दुनिया! ऊंचा उठना है तो मजबूत मन वाले बनो और अपने डरों पर विजय हासिल करने का साहस करो!
चिंता एक दीमक है जो लोहे को भी खोकला कर देती है! आपको चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए! स्वयं को इस दीमक से सुरक्षित करना चाहिए!
4 Comments
नमन गुरुजी
धन धन श्री वाहे गुरू महाराज मेरे सच्चे बादशा
हरि ॐ जी
Jaroor Guruji…will follow