अपने सांसारिक कर्तव्यों को पूरा करना और अपनी इच्छाओं को पूरा करना जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है।
पेट के लिए भोजन और तन पर वस्त्र रखने के लिए धन आवश्यक है। इस लिए सभी को धन कमाने में सक्षम होना चाहिए।
ऐ जर तू खुदा तो नहीं है लेकिन तू खुदा से कम भी नहीं है।
दौलत चाहिए लेकिन इतनी की वह आपको बेसूद न करदे! आपके पास जितना अधिक धन हो उतना अच्छा है, इसकी कोई सीमा नहीं है! लेकिन अगर अमीर बनने के चक्कर में आप अपनी सेहत को दाव पर लगा देते हैं तो यह उचित नहीं!
समय देकर धन कमाया जा सकता है लेकिन असीमित धन देने से आप कभी भी अपने स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त नहीं कर सकते।
धन देकर प्यार भरे रिश्ते नहीं कमाए जा सकते।
आपके बच्चे आपकी सबसे बड़ी दौलत हैं इसलिए उन्हें समृद्ध करें और उन्हें अच्छे गुणों और सकारात्मक विचारों से सशक्त करें।
धन कैसे कमाया जाए, उसे कैसे बनाए रखा जाए और उसका उपयोग कैसे किया जाए? इन बातों पर विचार कीजिये और प्रशिक्षण भी लीजिये!
आपके सकारात्मक गुण आपको अद्वितीय और प्रसिद्ध बनाएंगे।
आपका कौशल है आपकी पहचान! अपनी प्रतिभा को निखार कर स्वयं को काबिल बनाइये तब आप सामाजिक प्रतिष्ठा के धनि बन सकते हैं!
अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए स्वयं को हर दिन निखारना पड़ता है! यदि आप विशिष्ट रूप से योग्य हैं तो धनवान आपके पास आएंगे।
मांगने से कोई स्थान नहीं मिलता!
आपका दिमाग कभी बूढ़ा नहीं होता। केवल वे लोग जो दिमाग को स्थिर होने देते हैं और सीखना बंद कर देते हैं, उनका दिमाग आलसी होगा।
विश्वविद्यालयों में पारंपरिक रूप से स्नातक छात्रों को एक वैदिक मंत्र दिया जाता था जिसका अर्थ था: कभी भी सीखने में आलस्य न करें, हमेशा बड़प्पन के मार्ग पर चलें! आप भी इसको अपनाईये!
प्रत्येक व्यक्ति को मजबूत होना चाहिए – आपकी ताकत हैं आपके रिश्ते, आपका ज्ञान और आपका उत्तम स्वास्थ्यए! एकता में बल है। साथ-साथ चलना सीखें, मिलकर सोचें और आप सभी का आशीर्वाद प्राप्त करने में सक्षम होंगे। एक रेशे को जब अन्य रेशों के साथ बुना जाता है तो उसे एक डोरी में बनाया जा सकता है, कपड़े में तार और कपड़े को एक रस्सी में बनाया जा सकता है जो सबसे शक्तिशाली को खींच सकता है।
जीवन में जब भी मुसीबतें आएं, अपने शारीरिक साहस, मानसिक साहस और तन प्राण मन बुद्धि को इकट्ठा करें, आत्मा की शक्ति को इस्तेमाल करें अपनी समस्या को दूर करने का प्रयास करें!