गुरुज्ञान मन्दाकिनी से कुछ अनमोल बिन्दु | आत्मचिंतन के सूत्र- 5 | Sudhanshu Ji Maharaj

गुरुज्ञान मन्दाकिनी से कुछ अनमोल बिन्दु | आत्मचिंतन के सूत्र- 5 | Sudhanshu Ji Maharaj

गुरुज्ञान मन्दाकिनी से कुछ अनमोल बिन्दु

*गुरुज्ञान मन्दाकिनी से कुछ अनमोल बिन्दु *

साधना और पूजा में से उठने से पहले सर्वमंगल कामना जरूर करें- इससे आप भगवान के और प्रिय बनते हो।
भगवान से प्रार्थना करें कि हर स्थिति परिस्थिति में हम अपनी शीतलता बनाए रखें- हमारी बुद्धि सुबुद्धि रहे।

हर एक के जीवन में दो बातें अनिवार्य है। एक है- विद्यार्जन, पहले 24 वर्ष का काल जिसमें संयम और अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया जाता है
और दूसरा है वानप्रस्थ का काल जो 60 साल से शुरू होता है।

हर तीर्थ की महिमा है, लेकिन वह तभी काम करेगी जब आपकी आस्था और विश्वास गहरा हो।

अपनी जीवन यात्रा के लिए जो भी कर्म आप करते हो- उसे पूजा बनाओ। अपना हर कर्म परमात्मा के लिए करो।

हर साधक को चार बातें याद रखनी चाहिए-
अर्ज -मर्ज-कर्ज-फर्ज
शरीर में मर्ज ना हो,सिर पर कर्ज ना हो,अर्ज- प्रार्थना हर दिन करें, अपना फर्ज हर दिन निभाये।

1 Comment

  1. Niti Arora says:

    Aapki anant kripao ka shukrana gurudev
    Koti koti pranam gurudev

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