ॐ तद्विष्णुः परमंपदं सदा पश्यन्ति सूरयः दिवीवचक्षुराततम्।
नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,
प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।
हे परमेश्वर! सर्वशक्तिमान् हे ज्योतिर्मय प्रभु हम सभी भक्तों का प्रणाम स्वीकार कीजिए। अनन्त-अनन्त
दया कृपा करने वाले प्रभु आप सभी जीवों पर अपरम्पार कृपा करते हैं। आपकी समस्त कृपाओं के
प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं। हे प्रभु! हम सभी आपकी शरण में आकर अपने जीवन का उद्धार
करने के लिए साधना पथ पर अग्रसर हो रहे हैं। हमें आशीर्वाद दीजिए जीवन नियम से बंध जाये,
जीवन अनुशासित हो जाये, हमारा प्रबन्धन जीवन के प्रति उचित हो। हम अपने समय का ठीक से
उपयोग करें। हर दिन प्रसन्न रहते हुए अपने चेहरे पर आनन्द की झलक लाते हुए अपनी वाणी में
माधुर्य रखते हुए अपने व्यवहार को हम और उत्तम बनायें। प्रत्येक कार्य को करते हुए शांत, संतुष्ट,
तृप्ति अनुभव करते हुए कुशलतापूर्वक अपने कार्यों को करें। हे प्रभु हमें आशीर्वाद दो, हम भक्ति के
आसन पर बैठने लगे हैं हमारी भक्ति, हमारी साधना, हमारी तपश्चर्या सिद्ध हो, इसमें हम सफल हों
प्रभु हमारी यही विनती है स्वीकार कीजिए।
ॐ शांतिः! शांतिः!! शांतिः!!! ॐ