प्यारे परमेश्वर से हम सभी हृदयपूर्वक प्रार्थना करेंगे। दयालु देव! कृपालु देव! पुरे विश्वभर में जितने भी प्राणी हैं, सब दुःख से बचना चाहते हैं। सभी सुरक्षित रहना चाहते हैं और सभी प्रेमपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। सबको सुख चाहिए और सभी को शांति भी चाहिए।
और सभी की एक ही खोज है आनन्द की खोज। परमेश्वर आपके चरणों में ही आनन्द है, सुख और शांति भी आपके चरणों में है। सुरक्षा भी आप ही देते हैं। और निरोग्यता-आरोग्यता ये सब आपकी कृपा से ही मिलती है।
आपकी कृपा से ही आनन्द का मार्ग सूझता है और आनन्द की प्राप्ति होती है। यही तो जीवन की सफलता है कि जीवन शांति से, संतुष्टि से, सुख-सुकून से व्यतीत हो और जीवन में आनन्द रहे। हे दाता दीनदयाल! यही विनती है कि हम सभी के जीवन में सुख-शांति दीजिए।
सुरक्षित भी रहें, निर्भय रहें, निश्चिंत रहें। और परम आनन्द की प्राप्ति कर सकें। शास्त्र तो यही कहता है कि आनन्द आ जाये जीवन में तो भय भी समाप्त, चिन्ता भी समाप्त। परमेश्वर आपका स्वरूप ही आनन्दस्वरूप है।
हम आपके स्वरूप की स्तुति करते हुए आपकी सन्निधि, आपके सान्निध्य को प्राप्त करते हुए उस आनन्द के हिस्सेदार बन जायें जो आप पिता परमात्मा आपके अंदर वह आनन्द बहता है वह आनन्द हमारे जीवन में भी आये। आनन्दपूर्ण ढंग से जीवन जीते-जीते इस संसार से विदाई हो यही हमारी प्रार्थना है प्रभु आप स्वीकार करना।
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गुरुदेव के चरणों में सादर नमन।