हे जगत्पिता! हे जगदीश्वर! श्रद्धा भरा प्रणाम स्वीकार कीजिये। इस पूरी सृष्टि में हम कुछ न कुछ महान उद्देश्य लेकर आए हैं, हमारी ऊर्जा का प्रवाह उस उद्देश्य के लिये लग जाए। हमारा संकल्प पूर्ण हो प्रभु।
हमें आशीष दो, हमारा समय, हमारी शक्ति शुभ की ओर बहे, अशुभ की ओर नहीं। हमारी यात्र शुभ की ओर चलती चली जाए और हम लगातार अपने आपको गतिमान रखें।
किसी भी प्रकार के दबाव में, तनाव में हमारा साहस, हमारी शक्ति हमारा साथ न छोड़ें। हम अच्छे अभ्यास करें, अच्छे विचारों को अपनी शक्ति बनाएं, अच्छे लोगों के संग बैठें, अच्छा सोचें, अच्छा करें, अच्छे होते-होते उसका आनन्द लें, एक अच्छे समुदाय का, समाज का निर्माण करते हुए इस धरती पर स्वर्ग लाने की चेष्टा करें।
नित-निरन्तर अपने अन्दर सुधार लायें, अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त करें, यह तभी संभव है प्रभु जब आपका आशीर्वाद प्राप्त होगा। इसलिये आशीर्वाद दीजिये हम अपने संकल्प में खरे उतरें। आत्म निर्माण के प्रक्रिया आगे बढ़ें इस प्रार्थना को आप स्वीकार करें।