हे मेरे दाता घर छोटा हो या बड़ा,पर वहाँ सदा तेरी याद बनी रहे!तेरा आशीर्वाद सदैव हम सबको मिलता रहे,हम सभी प्रेम और प्रसन्नता से सदा रहें!तेरे दिए में सदेव खुश रहें! सदा सुख–शांति से रहे,ऐसा घर देना मेरे प्रभु जहां सदैव तेरे नाम की गूंज होती रहे!हे मेरे प्यारे गुरुवर आपको कोटि–कोटि प्रणाम!सदैव हम इस कर्मभूमि पर अच्छे कर्म करते हुए,काम क्रोध,लोभ एवं मोह से ऊपर सदा उठे,अहंकार की चादर को दूर फेंककर अपने कर्तव्य को समझते हुए,मोह–माया का परित्याग करे,ऐसी दया करना कभी किसी से नफरत न करे,सदा निस्वार्थ भाव से सेवा करें,प्रेम के फूल इस धरती पर खिला सके ऐसा आशीर्वाद प्रदान करना!
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गुरु जी क्या मैं आपको गुरु बना सकता हू, अगर हा तो मुझ पर भी दया किजिये, मुझे भी अपना शिष्य बनाइए, मेरे भी जीवन का उद्धार किजिये गुरु जी, आपको कोटि कोटि प्रणाम श्री गुरु करुणा सिन्धु