बहुत ही प्रेम पूर्वक अपनी आंखें कोमलता से बंद करें! माथे को शांत कीजिए और थोड़ी देर के लिए संसार से अपना ध्यान हटाकर परम पावन परमेश्वर में अपना ध्यान लेकर आईए! उस जगत पिता के प्रति अपना हृदय जोड़े, जिनके द्वारा ये जगत निर्मित हुआ, जिसकी व्यवस्था में हम जीवन जीते हैं, जो हम सबका स्वामी है, सबका मालिक है, आनंद दाता शांति दाता, जो संकट हरने वाला, सभी का कल्याण करने वाला प्रभु है, उससे अपना हृदय जोड़िए! और प्रार्थना करते हैं हम सभी!
चरण-शरण में उपस्थित होकर हम सभी आपके बच्चे श्रद्धा भाव से आपको प्रणाम करते हैं प्रभु! आपकी अनंत-अनंत दया कृपा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और आपसे ये विनती करते हैं! प्रभु, हमें वो सुबुद्धि दीजिए की स्पष्ट रुप से हम अपने जीवन के लक्ष्य को पहचान सकें।
ऐसी बुद्धि दीजिए की हमारे संशय नष्ट हों, भ्रम हटें और सही निर्णय हम लोग जीवन में कर सकें।
हमें ऐसी कार्यक्षमता दीजिए कि जीवन में अनेक-अनेक तरह के ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने के बाद हम उनका लाभ ले सकें। अपने ज्ञान का उपयोग जीवन में कर सकें, हमारी कार्यक्षमता और कार्यशैली दोनों ही परिस्कृत हो, उत्तम कोटि की हो और हम अपने ज्ञान से अपने विज्ञान से अपनी कला कौशल से अपनी प्रतिभा से कार्य करते हुए आपके मार्ग में चलते हुए जीवन को धन्य बना सकें। हमारी विद्या, हमारा कौशल, हमारी बुद्धि निर्रथक न हो, ये जीवन निर्रथक न हो।
अपने जीवन को धन्य करें, अपने साधनों को धन्य करें! हमारे हृदय में वो प्रेम दो कि हमारा व्यवहार सबके प्रति बहुत अच्छा हो सके और हमारे अंदर वह शक्ति भी दीजिए जो आपकी मन्यु शक्ति है, जिसके आधार पर गलत को सुधार सकें, समाज में अच्छा परिवर्तन ला सकें। दुष्टता को दबा सकें और सज्जनता की रक्षा कर सकें।
हे प्रभु सब पर कृपा कीजिए, आशीर्वाद दीजिए!
यही हमारी विनती है इसे स्वीकार कीजिए!