हे महाकाल! हे भूत भावन महादेव! हे त्रिनेत्रधारी! हे कण-कण में विराजने वाले दया के सागर भगवान शंकर। आज इस संसार को आपकी कृपापूर्ण दृष्टि चाहिए नाथ। त्रहि-त्रहि करती इस दुनिया के लोगों पर कृपा करें देव। माना कि गलतियां हुई हैं, मनमानियां भी हुई हैं, पर ये सभी हैं तो आपकी ही संतानें। इन पर कृपा करो भोले नाथ।
देव! आज पूरी दुनिया के लोग घनघोर बीमारी के भय से परेशान हैं। आप उन पर अपना आशीर्वाद बनाएं और उनकी बीमारियों, परेशानियों, विभीषिकाओं को खत्म करें। सबकी ओर से भगवन सविनय करुण प्रार्थना है कि सभी परिवारों को निरोगी रखें, उनकी सभी परेशानियों को दूर करने का अपना आशीर्वाद दें।
हे मेरे प्रभु आपके इन बच्चों ने अपनी जाने-जनजाने हुई क्रूरताओं को त्यागकर, अब अंतःकरण में श्रद्धा के आसन बिछा लिए हैं। आप इस पर विराजमान होइये नाथ। अपनी अनंत-अनंत कृपाएं इन पर बरसाएं।
हे मेरे प्यारे कालों के काल महाकाल ये सभी आपके प्यारे ही तो हैं। अपनी भटकन के लिए सभी आपसे क्षमा प्रार्थना करते हैं, इन्हें क्षमा करें नाथ। इन्हें सदा सुखी, स्वस्थ, दीर्घायु, सफल, खुशहाल, सौभाग्यमय रहने का अपना आशीष दें।
नाथ! अब ये आंखें आपका ताण्डव रूप देखने में समर्थ नहीं हैं, अब सभी तेरी महिमा देखने के लिए उत्सुक हैं। इन्हें हृदय में प्रेम, माथे पे शीतलता, घर में खुशहाली दें। हे प्रभु यही हमारी सबकी ओर से याचना है, यही वंदना, अभ्यर्थना है, स्वीकार करो देव।
3 Comments
parnam guruji
An honest prayer will be answered because he is Bhole nath.y
Tahi Trahi, bhagwan ki sharan me jane ke liye hi hai.