परमेश्वर को धन्यवाद दीजिए आज के दिन के लिए, जीवन के लिए, अवसर के लिए!
सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए! सुंदर और प्रेम भरे संबंधों के लिए!
इस जीवन के अंदर उस क्षमता के लिए जिसके द्वारा हम इस संसार में बहुत कुछ कर सकते हैं!
बारम्बार प्रणाम, बारम्बार धन्यवाद प्रभु!
अपकी समस्त-समस्त कृपाओं के लिए हम आभारी हैं!
शक्ति दो, क्षमता दो प्रभु, इस संसार में हम अपने कर्मों के हस्ताक्षर कर सकें!
हमारा हस्ताक्षर, हमारी पहचान हमारी मौजूदगी दर्शाता है, हमारा विश्वास दर्शाता है।
हम स्वयं को भी पहचानें
इस संसार को भी पहचानें
रिश्तों की वास्तविकता को भी पहचानें
प्रभु के प्रेम को पहचानें और अपनी पहचान कायम करके इस दुनिया से विदाई लें! क्योंकि उसी में हमारी संतुष्टि है।
यो वै भूमा तत्सुखमस्ति नाल्पे सुखमस्ति।
विस्तार में और शिखर पर पहुंचने में ही जीवन का सुख है।
हमारे छोटे बने रहने में हमारा सुख नहीं है। हम शिखरों की ओर जा सकें।
हमें प्रभु आशीष दीजिए
2 Comments
शत् शत् नमन गुरुदेव
Jai Guru maharaj ji. Aap ke charno mein koti koti prnam hai
Very beautiful message aap ki aur se