हे प्रभु इस हृदय में तेरा प्रेम रहे, किसी के प्रति घृणा और बैर न रहे | प्रार्थना

हे प्रभु इस हृदय में तेरा प्रेम रहे, किसी के प्रति घृणा और बैर न रहे | प्रार्थना

हे प्रभु इस हृदय में तेरा प्रेम रहे, किसी के प्रति घृणा और बैर न रहे

प्रार्थना

आइए सभी दोनो हाथ जोड़ें और प्रेम पूर्वक आंखें बंद करें। अपने इष्ट देव का स्वरूप अपनी आंखों में ले आइए, ह्रदय पूर्वक उन्हें नमन कीजिए और मन मन में तीन बार अपने इष्ट देव का अपने प्रभु का नाम मन मन में जाप कीजिए। और निवेदन कीजिए कि तुम्हारी कृपा से यह जीवन चल रहा है हृदय धड़क रहा है श्वांसें लगातार गतिमान हैं।

आप ही ने इस दुनिया में भेजा है प्रभु आप ही ने हमारे कर्म निर्धारित किए हैं अपना कर्तव्य करने में ये बुद्धि सुबुद्धि बनी रहे, ये पग आपकी राह में चलते रहें, हाथों से आपकी सेवा करें नमन करें लेकिन कभी किसी का हक ना मारें किसी का अधिकार न छीने। इस हृदय में तेरा प्रेम रहे लेकिन किसी के प्रति घृणा और बैर न रहे। आंखें आपके भद्र रूप का दर्शन करें लेकिन ईर्ष्या से जले नहीं।

हे प्रभु इस हृदय में तेरा प्रेम रहे

जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच हम कभी निराश न हों, चेहरे पर प्रफुलता प्रसन्नता सदा बनी रहे। भगवान हमेशा हमें संभाले रखिये। आपके सहारे की हमेशा ही हमको आवश्यकता है और अपने रक्षा भरे हाथों को हमारे सिर पर बनाए रखना। हे प्रभु आपके दर पर श्रद्धा भाव से जितने भी लोग इस समय जुड़े हुए हैं।

आप से प्रार्थना कर रहे हैं सभी चाहने वालो की झोलियां भरना, जिनके पास नौकरी नहीं उन्हें नौकरी देना, जिनके घर में रोग शोक कष्ट क्लेश बना हुआ है उनको निरोग करना प्रसन्नता देना उनके घर में सुख शांति बरसाना अन्न धन की कहीं कमी है तो समृद्धि देना संतान की कमी है तो उनके आंगन में किलकारियो के गूंज अवश्य बन जाए जो पिछड़ गए हैं फिर से आगे आएं जिनका मन टूटा हुआ है वो फिर से संभले और उन्नति करें, कोई भी जो झोली फैलाए बैठा है सभी की झोली भरना किसी को खाली मत रहने देना।

आपके हजारों हजारों भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करना प्रभु और सब पर कृपा दृष्टि बरसाना और ये मेले ऐसे ही सजते रहें, सत्संग की लहर चलती रहे सत्कर्म होते रहें, तेरा नाम सिमरन होता रहे, नाम जपें – जपायें, ज्ञान ध्यान में सब लोग लगें और दूसरों को भी प्रेरित करें, शुभ में सब लोगो की अभिरुचि बने। यही विनती है प्रार्थना है इसे स्वीकार करना प्रभु।

ॐ शांति शांति शांतिः ॐ

नौ दिन पूजा-पाठ व विशेष साधनायें

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