मंत्र प्रार्थना सुख-समृद्धि के लिए | Sudhanshu Ji Maharaj

मंत्र प्रार्थना सुख-समृद्धि के लिए | Sudhanshu Ji Maharaj

Mantra prayer for happiness and prosperity

इन्द्र श्रेष्ठानि द्रविणानी धेहि चितिं दक्षस्य सुभागत्वमस्मे।
पोषं रयीणामरिष्टिं तनूनां स्वाद् मानं वाच: सुदिनत्वमह्वाम् ।।”

यह मंत्र पवित्र रिग वेद में स्वर्ग के राजा, इंद्र के लिए एक आह्वान है। यह हर प्रकार की समृद्धि की कामना के लिए एक सुंदर प्रार्थना है।
हे इंद्र! कर्म के लिए हमें सबसे अधिक धन, कौशल और ज्ञान दें। हमें अपने अंगों के लिए कल्याण और जीवन शक्ति का परिचय दें। हमारी रक्षा करें! हमारी वाणी मधुर हो और हमारे दिन प्रकाश से भरे हों !
मन्त्र की व्याख्या :

ऐश्वर्य देनेवाले मेरे प्रभु, श्रेष्ट धन मुझे जीवन में देना! धन ऐसा जिससे धन्यवाद करने की भावना आ जाए!
कर्तव्य कर्मों का ज्ञान और उनको करने के लिए में उत्साहित रहूँ ! सेवा देना लेकिन पहले सेवा करने में रस देना! रसपूर्ण होकर जब कोई कर्म किया जाता है तो उसका अनंत अनंत लाभ आपको मिलता है!
सौभाग्य वृद्धि करने वाला ऐश्वर्ये दो !

ऐसा धन देना जिससे में फलफूल जाऊं, ऐसा नहीं जो मुझ में और मेरे बच्चों में ऐब लगाए. धन ऐसा जिससे बुद्धि सुबुद्धि रहे।
शरीर निरोग रहे, यह भी आशीर्वाद दो. प्रियता से, आकर्षण से भरपूर वाणी देना भगवान्.! ऐसा व्यवहार हो मेरा जिससे में दूसरों को आकर्षित कर सकूं!  हर दिन शुभ दिन बन जाए!

2 Comments

  1. Sharda says:

    Thanx gurudev

  2. Kunal agrawal says:

    Guru kirpa ki Abhilasha

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