आंखें बंद करें और प्रेम पूर्वक हाथ जोड़ें। प्यारे ईश्वर के साथ अपना संबंध जोड़ें और आज की प्रार्थना अपने प्रभु से हम करें।
हे दयालु, कृपालु परम पावन भगवान श्रद्धा भरा प्रणाम हमारा स्वीकार हो! वंदन करते हैं प्रभु आपका
आपकी समस्त कृपाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं! आपसे हम यही प्रार्थना करते हैं प्रभु
अपने बच्चों पर सदा प्रसन्न रहना! आपकी प्रसन्नता में हमें सब कुछ मिल जाएगा! जिस बच्चे पर उसके माता पिता प्रसन्न रहते हैं, संतुष्ट रहते हैं
बिना मांगें सब कुछ उसे मिलता है! मां-बाप ही बच्चे को हृदय से निकाल दें, तो उसको देने की बात तो क्या जो दिया है वो भी छीन लेते हैं।
अपना नाम भी हटा लेते हैं। कह देते हैं संसार से कि इससे मेरा कोई लेना देना नहीं।
आपसे जुड़े रहेंगें, आपके बने रहेंगें, भटकेंगें नहीं, खोएंगें नहीं, बिगड़ेंगें नहीं। हमें अपना प्रेम पात्र बनाओ प्रभु, अपने योग्य बनाओ।
आपके प्रेम के पात्र बन सकें! आपके कहलाने योग्य हो सकें,आपकी राह पर चलते-चलते आपके स्वरुप में इस तरह ढल जाएं के हम आपका ही रुप हो जाएं।
आपकी ही चमक हमारे अंदर आए! आपकी शांति हमारे भीतर उतरे। हमारें अंदर जो सीमित शक्तियां हैं उनकों हम असीमित से जोड़ दें।
सीमाओं से भी परे चले जाएं हम जहां परम आनंद है, परम शांति है, परम सुख है! हमें अपना बनाइए प्रभु, अपनी ओर लेकर चलिए!
और हमसे कभी नाराज़ न होना, रुठना नहीं!
केवल-केवल मात्र समस्त रिश्तों में एक ही आपका ही रिश्ता सबसे बड़ा आपका रिश्ता है। इस रिश्ते का महत्व समझते हुए, हमारी चेतना और हमारी ऊर्जा आपकी ओर लग जाए हमें आशीष दीजिए! यही विनती है प्रभु स्वीकार करना!
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Om namah shivaya