कैसे तुम्हे रिझाऊँ | प्रार्थना | Sudjanshu Ji Maharaj

कैसे तुम्हे रिझाऊँ | प्रार्थना | Sudjanshu Ji Maharaj

How to please you

कैसे तुम्हे रिझाऊँ

है जगत के नियंता! जगत के आधार! हम भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरंकामलों में स्वीकार हो। है प्रभु ! कौनसा हृदय लेकर आऊँ? कौन सा मन, कौन सा धन, कौन सा तन लेकर आऊँ? क्या तुझे दूँ , जो तू रीझ सके? क्या क र्म करूँ की तेरी कृपा मुझे मिल जाय? क्या प्रार्थना करूँ की तू सुन लें ? कितने जन्म और लूं की तेरा धाम मिल सके? है मेरे पावन प्रभु! बहुत युग बिते कब लोगे खबर? कब सुनोगे पुकार? कब मिलेगा तुम्हारा प्यार? जीवन की सांझ बीत रही है अब और देर न लगाना प्रभु! अपना करुनाहस्त बढ़ाकर मुझे संभालो, है देव!
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः!!!

हरि ॐ !

1 Comment

  1. Bhawna shrivastava ujjain says:

    Hari om guru dev ki kirpa mugh par bhi ho jaye

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