आधुनिक युग मे नई पीढ़ी को कैसे Manage करे | Sudhanshu Ji Maharaj

आधुनिक युग मे नई पीढ़ी को कैसे Manage करे | Sudhanshu Ji Maharaj

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आत्मचिंतन के सूत्र: अपने बच्चों को दिशा निर्देश देने का दाइत्व है माता पिता का !

आत्मचिंतन के सूत्र: अपने बच्चों को दिशा निर्देश देने का दाइत्व है माता पिता का !

आधुनिक युग मे नई पीढ़ी को कैसे Manage करे

आज का युग पूरी तरह बदला हुआ समय है -एक पूरी तरह बदला हुआ समय जब अपने बच्चों को संभालना ओर उन्हें सही दिशा की ओर मोड़ना बेहद कठिन कार्य हो गया है , आइए विचार करते हैं कि क्या टिप्स हम प्रयोग करें !

आज के समय हर व्यक्ति के पास एक ही समस्या दिखाई दे रही है कि इस पीढ़ी को नियंत्रित कैसे करें! सबसे पहले तो यह जानना होगा कि हम अपने बच्चों को जिस दिशा में मोड़ना चाहते हैं :वैसा व्यवहार अपने अंदर लाना होगा! केवल भाषण देने से बच्चे नही सीखेंगे आपको स्वयम अपने अंदर बदलाव लाकर उनके सामने वह प्रस्तुत करना होगा !

अपने बच्चों के साथ मित्रता का व्यवहार कीजिये जिससे वह आपको अपना दोस्त मानते हुए आपको अपनी हर बात और समस्या share कर सकें !

बच्चों में इतना भले बुरे का ज्ञान नहीं होता , विशेषतया Teenage में बच्चों की मानसिकता बहुत उग्र स्वभाव की हो जाती है! वह अपने माता पिता की बात ना सुनकर अपने मित्रों की बात को ज्यादा मानते हैं ‘ऐसे में उनको दिशा निर्देशन देना माता पिता का कर्तव्य बनता है !

आधुनिक माहौल में जहां मौज मस्ती पर जोर है, गलत आदतें जो बच्चों को बिगाड़ रही हैं , छोटी उम्र के बच्चे भी धूम्रपान नशा करते देखे जाते हैं जो उनका भविष्य अंधकार के गर्त में ले जा रहे हैं ! इसलिए अपना समय अपने बच्चों को दीजिए ।

आजकल माता पिता दोनों ही अपनी Job में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि बच्चों को ना समय दे पाते हैं ना उनकी गलत दिशा में बढ़ते कदम रोकने का प्रयास करते हैं !

खाली पैसा देकर आप अपने बच्चों को कोई बड़ा आदमी नही बना सकते न ही अपने कंधों पर बिठाकर दुनिया मे ऊंचा बना सकते हो: उसके लिए आपको संस्कार देने होंगे , शिक्षा देनी होगी , भले बुरे का ज्ञान कराना होगा !

आपके बच्चे ही आपकी संपत्ति हैं इस बात को अपने जहन में अच्छी तरह रख लें : यदि आपके बच्चे सही दिशा में चल रहे हैं और संस्कारी हैं –जो मानिए आप दुनिया के सबसे अमीर और सुखी इंसान हैं, इसलिए इस बात को महत्व दीजिए !

अपने घर मे सात्विकता का वातावरण बनाये, पूजा पाठ ,ईश्वर में ओर गुरु मे विश्वास करना सिखाये -स्वयम भी पालन करे तो बच्चे भी वैसा ही अनुसरण करेंगे !

छोटी आयु से ही गुरु से जोड़ें, धर्म से जोड़ें

सदगुरु के आशीष भरा हाथ उनके सर पर बना रहे तो आपका घर स्वर्ग से बढ़कर होगा , ऐसे घर मे कलयुग का प्रभाव नही आता और खुशियों से ,प्रसन्नता से सब भरे रहते हैं !

जिस बच्चे को आप राम बनाते है -वातावरण की कुरीतियां ओर दुष्प्रभाव उसे रावण बनाने में देर नही लगाएगा इसलिए लगातार की देख रेख चाहिए जैसे पौधों के लिए आप करते हैं !

अपने बच्चों को धन देकर अमीर नहीं बनाओ! उनको धन कमाने की विद्या सिखाओ तो वह सदा के लिए अमीर बन सकेंगे! धन देना ही है तो उच्च संस्कारों का धन दो!

आपके बच्चे ही आपकी दुनिया हैं ! उन्हें समय दो ,प्यार दो ,उनकी समस्याओं में प्रेमपूर्वक सहयोग करो और आपके अच्छे दिशा निर्देशन से एक अच्छे सुसंस्कृत समाज का निर्माण हो सकेगा क्योकि बच्चे ही हमारे समाज का भविष्य हैं !

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