प्रार्थना! हे प्यारे प्रभु सर्वदा तुम्हे पुकारे! हे दीनानाथ!हे प्यारे प्रभु! जब तक हम जियें,आत्मनिर्भर होकर जियें,कभी किसी की सहायता,सेवा,सहयोग लेने की इच्छा हमारे मन में […]
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्। मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः।। Of hymns, I am the Brhatsama (sung to the king of the highest heaven) and of verse, I am […]