Blog and Articles

August 10, 2020
हे नाथ मेरा हाथ पकड़िये और मुझे पार उतारिये!

प्रार्थना | हे नाथ मेरा हाथ पकड़िये और मुझे पार उतारिये! | Sudhanshu Ji Maharaj

प्रार्थना! हे अनाथों के नाथ;निर्बलों के बल; निर्धनों के धन; दीनों के दीनानाथ; मैं आपका हूँ; मेरा सब कुछ आपका ही है! मैं आपके हाथों का […]
August 8, 2020
Awaken the energy body with Gurukrupa

गुरुकृपा से ऊर्जा पिण्ड को जगायें | Sudhanshu ji Maharaj

गुरुकृपा से ऊर्जा पिण्ड को जगायें ‘पिंड छुड़ाना’ इसके दो अर्थ हैं, प्रथम कि किसी अनचाहे व्यक्ति व अनचाहे कार्य से दूरी बना लेना, दूसरा अर्थ […]
August 6, 2020
jeevan ka niyam | Atmachintan

जीवन को नियम और अनुशासन में ढालो | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

जीवन को नियम और अनुशासन में ढालो जीवन मे नियमबद्ध होना परम आवश्यक है : यदि आपके जीवन मे सिद्धांत ही नहीं, कोई नियम नहीं ,कोई […]
August 5, 2020
Light your inner lamp

Light your inner lamp | Categories of Life | Sudhanshu Ji Maharaj

Categories of Life There are two categories of life: one is trees and plants, and the other is creatures and animals, i.e., living beings. What is […]
August 4, 2020
Peace of Mind is the Greatest Wealth

Peace of Mind is the Greatest Wealth | Sudhanshu Ji Maharaj

Peace of Mind is the Greatest Wealth Our sages, rishis and maharishis and the guidelines given by them advise devotees to seek nothing else, but welfare […]
August 1, 2020
MIRACLES OF TRUE WORSHIP

MIRACLES OF TRUE WORSHIP | Sudhanshu Ji Maharaj

We generally remain engrossed in the dilemma: which path we should follow to reach God? If we move towards intellectualism then which way we should take […]
July 30, 2020
atmachintan

सेवा में दुर्भाग्य को काटने की असीम शक्ति होती है! | Atmachintan | Sudhanshu Ji Maharaj

सेवा में दुर्भाग्य को काटने की असीम शक्ति होती है! सेवा का महत्व यदि हम गुरुदेव के शब्दों से जाने तो – कितना भी दुर्भाग्य चल […]
July 29, 2020

THE ART OF CREATING GOOD KARMAS | Sudhanshu Ji Maharaj

The quality and ethical level of actions of an individual depend on the pattern of his life and his social conduct in society. There are enormous […]
July 28, 2020

काश! मनुष्य यदि जगा सकता अपना सूक्ष्म व कारण शरीर | Sudhanshu Ji Maharaj

काश! मनुष्य यदि जगा सकता अपना सूक्ष्म व कारण शरीर ‘शब्द’ हम वाणी से प्रकट करते हैं, और वह स्वतः ध्वनि तरंगों में परिवर्तित हो जाती […]