हे अंतर्यामिन, हे सर्वग्य, हे तारणहार आप सब कुछ जानते हो मेरी अच्छाई को, मेरी बुराई को, मेरी आत्मा को, मेरे हृदय को, मेरे मन को, मेरी बुद्धि को सब कुछ जानते हो भगवान.. मैं आपकी शरण में हूं और आपकी कृपा जैसे-जैसे जीवन में आती है सभी प्रकार के कलुष कालिमाएं दूर हो जाती हैं। हमारी प्रार्थना को स्वीकार करना भगवान।
शुद्ध करते हुए आप अपने बच्चों को गोद में लेते हो और अनंत प्रेम आप देते हो, उसी से तो ये सारा संसार चलता है। प्यारे प्रभु मैं भी आपका प्रेम पात्र हूं अपनी ओर लेकर चलिए। वह कराइए जो करने के लिए यह जीवन दिया गया है।
मुझे अपना उपकरण बनाओं आपना यंत्र बनाओ जो आप चाहते हों वही पूरा हो, हे प्रभू मैं अपने आपको तुम्हें सौंपता हूं तुम्हारा होने के लिए, तुम्हारे प्रेम के लिए, तुम्हारी ओर चलने के लिए, खुद भी आगे बढ़ू दूसरों को भी बढ़ाउं, खुश रहूं और खुशी को फैलाऊं, प्रेम पूर्ण जीवन चलें और प्रेम का वातावरण बनाता चलूं, प्रभू आशीष दो हर दिन आपकी कृपा प्राप्त हो।
सांसारिक जीवन जीने के लिए सौभाग्य भी चाहिए आरोग्य भी चाहिए, सुख सुविधाएं भी चाहिए, यशस्वी जीवन भी चाहिए, सफलताएं भी चाहिए और उस प्रेम की भी आवश्यकता है जो रिश्ते आपने दिए उनसे हम वो प्रेम पा भी सकें और दे भी सकें।
धन, समृद्धि, सुख स्वास्थ्य शांति और आपका प्रेम सभी को झोली में डालिए जिससे हमारा कल्याण हो, हमारी प्रार्थना को स्वीकार करना भगवान आपके चरणों में यही विनती है।