तीन दिवसीय ‘शिव वरदान ध्यान योग एवं पूजा अनुष्ठान’ महाशिवरात्रि विशेष | Sudhanshu Ji Maharaj

तीन दिवसीय ‘शिव वरदान ध्यान योग एवं पूजा अनुष्ठान’ महाशिवरात्रि विशेष | Sudhanshu Ji Maharaj

शिव वरदान ध्यान योग एवं पूजा अनुष्ठान’ महाशिवरात्रि

शिवशक्ति महोत्सव

शिव और पार्वती माता के आशीषों को पाने, भगवान शिव की कृपा, शिव वरदान की प्राप्ति व जगदम्बा माँ की कृपा पाने का विशेष अवसर है यह शिवरात्रि पर्व व शिवशक्ति महोत्सव। इस विशेष अवसर पर आनन्दधाम आश्रम में 27, 28 फरवरी से 1 मार्च, 2022 तक तीन दिवसीय शिव वरदान ध्यान योग एवं पूजा अनुष्ठानय् का आयोजन किया जा रहा है।

सभी लोगों की धारणा व विश्वास है कि भगवान शिव अवघड़दानी हैं, बिना कारण के भी कृपा करने वाले हैं, संकट मोचक हैं, सबकी पीड़ा निवारण करते हैं, दूसरे के हिस्से की पीड़ा और दर्द को हटाकर उसे सुख देते हैं, शांति देते हैं, आनन्द की प्राप्ति कराते हैं। सबसे बड़ी बात कि शिव सबकुछ देने वाले शंकर हैं, जो शमन करना, कल्याण करना जानते हैं। किसी भी देवी-देवता का पूजा, अनुष्ठान इतनी जल्दी सफल व सिद्ध नहीं होता, जितना जल्दी भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो जाती है। भगवान सदाशिव देवताओं, गंधर्वों, यक्षों, राक्षसों व मनुष्यों सभी के प्रिय हैं, सबको शिव ही एक आधार लगते हैं, जहां हर किसी की कामनाओं की पूर्ति और समस्त समस्याओं का समाधान मिल सकता है। भगवान श्रीराम जी ने भी शिवलिंग की स्थापना करके यज्ञ आदि से पूजन-अर्चन किया और शिव जी से लंका विजय का वरदान पाया।

शिव के चरणों  में है अनेक शक्तियाँ  

शिव के चरण शरण में अनेक शक्तियाँ  विराजित हैं, उनके साथ स्थिर सम्पदा दिलाने वाले कुबेर बैठे हैं, साथ बैठी हैं अन्नपूर्णा माँ जगदम्बा, माँ पार्वती जो श्रद्धा, करुणामयी माँ रूप है। जिनका आशीष सभी साधकों के घर-परिवार के लिए अन्न-धन समृद्धि देता है, जो शिव साधकों के बच्चों व उनके परिवार पर सम्पूर्ण कृपा करता रहता है। यह तीन दिवसीय प्रयोग भगवान शिव से सबकुछ पा लेने का अवसर है।

पर शिव की यह अनुकम्पा उन्हीं भक्तों को प्राप्त होती है, जो विधिपूर्वक भगवान शिव का स्तवन, ध्यान, जप, अभिषेक, अनुष्ठान करते हैं, उन्हीं पर भगवान प्रसन्न होते हैं। इस दृष्टि से यह एक अवसर है, जिसका लाभ हमें लेना चाहिए। ब्रहमाण्ड से और भी अनेक तरह की शक्तियां इस धरती पर आती हैं, वह शिवरात्रि का ही अवसर होता है। शिव भक्तों, शक्तिमाता के भक्तों और भगवान पर श्रदा रखने वाले सभी अनन्य भक्तों के लिए शिवरात्रि शुभ अवसर है। इसलिए इस साधना-अनुष्ठान से चूकना नहीं चाहिए।

जपयज्ञ, जाप, ध्यान एवं अभिषेक से करें शिव को प्रसन्न

शिव को प्रसन्न करने की एक खास विधि होती है, जिसमें जपयज्ञ, जाप, ध्यान एवं अभिषेक अवश्य चलना चाहिए। इसमें ही ध्यान की विशेष विधि होती है, जो वरदान प्राप्ति के लिए है, जिसके साथ में होना चाहिए यज्ञ। इस प्रकार यदि अपने घर में बैठकर आप रात्रि जागरण करके भगवान शिव की आराधना करते हुए अभिषेक, व्रत करते हैं, तो जो कृपा आप पर आज तक नहीं हुई, वह कृपा निश्चित ही इन दिनों हो जायेगी।

आप घर पर बैठकर ही संकल्पित यजमान बनकर दी गयी विधि से इसमें भाग लें। इस ध्यान योग का कार्यक्रम आप आनलाईन भी कर सकेंगे। सम्पूर्ण विधि अलग से दी जायेगी। अर्थात यदि आप इन सबके लिए यहां आ सकेंगे तो अच्छी बात, अन्यथा आनलाईन ही इन ‘‘शिव वरदान ध्यानयोग एवं पूजा अनुष्ठान’’ संबंधित सम्पूर्ण प्रयोगों का लाभ लें। ये प्रयोग बहुत ही चमत्कारी साबित होंगे। अतः पूरे मनोयोग, पूर्ण श्रद्धा, पूर्ण निष्ठा से आप इसमें सहभागीदार बनें।

इस अनुष्ठान में भाग लेकर जीवन को सफल बनायें, गुरुसत्ता की ओर से आप सबको इस शिवरात्रि महोत्सव ‘‘शिव वरदान ध्यान योग एवं पूजा अनुष्ठान’’ के लिए विशेष आमंत्रण है।

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