हे दीनानाथ!हे प्यारे प्रभु! जब तक हम जियें,आत्मनिर्भर होकर जियें,कभी किसी की सहायता,सेवा,सहयोग लेने की इच्छा हमारे मन में न आये। मांगने की इच्छा हो तो हे प्रभु!तेरे दर पर ही आकर पुकारें!
दुनिया का भरोसा हो न हो लेकिन भगवान तेरा भरोसा सदा बना रहे।
दुनिया भले ही मिलकर छूट जाये लेकिन भगवान तेरा दामन कभी न छूटे!
दुनिया ठुकरा दे तो ठुकरा दे लेकिन भगवान आप कभी न ठुकराना!यह दुनिया भले ही रूठे लेकिन आप कभी मत रूठना और न मुँह मोड़ना!सदा हमें अपनी चरण-शरण में रखना!
ॐ शांति-शांति-शांति ॐ!
सादर हरि ॐ जी!
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Prayers are food for soul which is more important than food for stomach. Om Guruve Namah.