1. प्रत्येक शुभ कार्य, महत्वपूर्ण कार्य मे गुरु का आशीर्वाद लेना चाहिए।
2. सद्गुरुं की आज्ञा का पालन सर्वोपरि है।
3. वर्ष में हर पूर्णिमा पर गुरु दर्शन के लिए जाना चाहिए।
4. गुरुपूर्णिमा पर गुरुपूजन दर्शन कर गुरु आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए।
5. कोई भी साधना गुरु से गुप्त रखकर नही करनी चाहिए।
6. देव मंदिर या गुरु के पास कभी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए।
7. किसी भी मंत्र जप सिद्धि के लिए प्रारंभ में एक माला गुरुमंत्र का अवश्य करें।
8. सद्गुरुं की प्रसन्नता के लिए यत्न करनी चाहिए। गुरु कार्य में शिथिलता प्रमाद नहीं करना चाहिए।
9. सद्गुरुं के सेवा यज्ञ के लिए सामर्थ्य अनुसार श्रद्धा राशि अवश्य अर्पित करनी चाहिए।
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