हे ब्रह्मज्ञान के प्रकाशपुंज! हे सृजनात्मक शक्ति के स्वामी! हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम स्वीकार करें!
हे त्रिगुणातीत!हमारे प्यारे सत्गुरुदेव!आपकी ज्ञानमयी अमृतवाणी सदैव हमारे अंग-संग रहे! भाव में,अभाव में,उन्नति में,अवनति में और जीवन की सुनसान राहों में आप सखा बनकर हमेशा हमारे साथ रहें! आपके आशीष का अमृत सदैव हमें मिलता रहे,यही हमारी अभिलाषा है! हे ज्ञान सागर प्यारे सत्गुरुदेव! आपके ब्रह्मज्ञान की अनुगूंज से हमारे अंत:करण में आनंद की हिलोरें उठने लगती हैं और हमारा रोम-रोम आनंद से पुलकित हो जाता है जिससे हमारा व्यवहार रसपूर्ण तथा प्रेमपूर्ण हो जाता है!हे प्रभु! हमारा ह्रदय सदैव आपसे जुड़ा रहे, हम पर आपकी कृपा बरसती रहे!यही अभ्यर्थना है,याचना है,स्वीकार करें!
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः!!
सादर हरि ॐ जी!
2 Comments
पूज्य गुरुदेव जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन स्वीकार हो ।
हमें प्रार्थना के माध्यम से नित्यप्रति अपने गुरुदेव के वचनों में श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उनकी चरण -शरण ग्रहण करनी चाहिए ।
संसार के विपरीत परिस्थितियों में गुरु का रक्षा कवच सदैव हमारे साथ रहता है । हमें हंसते मुस्कुराते हुए संसार में जीने का ढंग मिल जाता है ।
कोटि-कोटि धन्यवाद गुरुदेव जी बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रार्थना
It is okey