जीवन को जीने का अंदाज क्या है आपका इस पर ही सब कुछ टिका होता है। यह मनुष्य देह अनमोल, क्षणिक है , इसके प्रत्येक क्षण की कीमत समझनी चाहिए।
भगवान ने मनुष्य योनि को ही मुस्कराने का गुण दिया है, पशु-पक्षी, कीट-पतंग यह सब योनियां मुस्कराने के गुण से वंचित हैं, इसलिए भगवान की इस सौगात को वरदान मानकर हमें इसका उपयोग करना चाहिए। मतलब अपने जीवन को मुस्कराते हुए व्यतीत कीजिये।
दुख-सुख, मान-अपमान यह सब द्वंद हैं जो जीवन में चलते रहेंगे। इसको स्वाभाविक मानकर आगे बढ़ते जाओ। आपके कदम न रुकें, न थकें, तभी आप सफल व्यक्ति हो।
किसी को फूल भेंट करो ना करो- अपनी मुस्कराहट का फूल जरूर भेंट करो । आपके खिले हुए चेहरे को देखकर आपके सामने वाला व्यक्ति निहाल हो जाएगा।
अपनी दिनचर्या को अच्छी तरह बनाइये और अनुशासन में चलना, नियमित प्राणायाम और व्यायाम तथा अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दें, आपकी जीविकोपार्जन की विद्या भी ऐसी हो जिससे आप समृद्ध रहें, खुशहाल रहें। यह सभी वह तथ्य हैं जो आपकी खुशियों को बढ़ाने में सहायक हैं।
आध्यात्म सबसे बड़ा मार्ग है शांत एवं प्रसन्न जीवन जीने का। अपने भगवान से जुड़ें, अपने सद्गुरु के मार्ग पर चलें और आप देखेंगे कि मुरझाया हुआ व्यक्तित्व भी खिल उठेगा । भक्ति से बड़ी शक्ति कोई नहीं, गुरु से बढ़कर मार्गदर्शक कोई नहीं। अखण्ड विश्वास आपके आज के तनावपूर्ण वातावरण में भी खुशी के फूल खिला देगा और आप आनंदपूर्ण जीवन जीते हुए उसका उपयोग कर पाएंगे।
इसलिए जीवन को निर्झर बनाओ और मस्ती के पानी मे डुबकियां लगाते हुए प्रत्येक क्षण का आंनद लीजिये।
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abhimanyusahani1973@gmail.com
I really appreciated with my sadguru pravachan sricharanome kotikoti pranam….