आत्मचिंतन के सूत्र -आपका जीवन प्रसन्नता से महक उठेगा: लेकिन कैसे?
• हमे अपने अंदर नकारात्मक विचारों को बिल्कुल भी स्थान नही देना चाहिए क्योंकि नकारात्मकता व्यक्तित्व को नष्ट कर देती है !
• जिस प्रकार भूमि पर यदि कुछ प्रयोगात्मक बीजो को न बोया जाए तो घास ओर झाड़ झंकाड पैदा हो ही जायेगा । इसलिए किसान भूमि की सफाई करता है व्यर्थ की घास को उखाड़ कर फेंकता है तभी उसकी फसल को बढ़ने में मदद मिलती है ।
• इस प्रकार हमें भी अपने मन, मस्तिष्क की जमीन पर फालतू, अवांछनीय विचारों की छटनी करते रहना चाहिए । केवल सकारत्मक ओर सुंदर विचारों को ही अपने हृदय में आमंत्रण दीजिये!
• हर दिन स्वयम को ऊपर उठता हुआ अनुभव कीजिये, अपने समय का सदुपयोग करें, अपने स्वास्थ्य के बारे में विचार करें, भक्ति के लिए समय निकालें – तभी आप सकारात्म विचारों से पूर्ण हो पाएंगे!
• अपना दिया स्वयम बनना है, अपने परिवार को भी ऊपर उठाना है और समाज का भी कल्याण करना है- किसने हमारे साथ क्या बुरा किया इन विचारों को भूल जाइए ओर केवल पॉजिटिव बाते ही मानस पटल पर अंकित कीजिये!
• अपने भाग्य का रोना मत रोइये । भगवान ने हथेलियों में भाग्य दिया है तो उसके आगे उंगलियां दी हैं – यानि कर्म करने की शक्ति! कर्म द्वारा हम अपने भाग्य को भी बदलने की क्षमता रखते है । इसलिए कर्मशील बनो ओर जीवन मे आगे से आगे बढ़ते जाओ!
• कुछ लोग मात्र ज्योतिष को अपना हाथ दिखाकर भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं, यह सर्वथा अनुचित है! अपने भाग्य के निर्माता आप स्वयं है -बस कोशिश करके देखिए!
• मेहनत मेरी और रेहमत तेरी- अर्थात हमारा फर्ज है कर्म करना और फल देने का, कृपा करने का काम परमात्मा का है, वह अवश्य कृपा करेगा, भाग्य के भरोसे निष्क्रिय होकर बैठना उचित नहीं!
• अपने भगवान पर भरोसा रखो, गुरु की कृपा और बड़ों का आशीर्वाद सभी साथ जोड़िये – आपका जीवन प्रसन्नता से महक उठेगा!
5 Comments
Hari Oum
Jai Shri Sadguru Dev
Really great
koti koti vandan guruvar ji
Gurudev ko Sadar Naman
Apne kripa driste banay rakhay
Bahut sundar…..Sarthak
Sadgrudev Maharaj ki Jai sadar pranam koti koti naman Gurudev.. Hari Om