घर को स्वर्ग बनाना है तो ध्यान रखना होगा | Atmachintan | Sudhanshu ji Maharaj

घर को स्वर्ग बनाना है तो ध्यान रखना होगा | Atmachintan | Sudhanshu ji Maharaj

घर को स्वर्ग बनाना है तो ध्यान रखना होगा

घर को स्वर्ग बनाना है तो ध्यान रखना होगा

हमारा घर एक प्रयोगशाला है जिसमे हम अपने जीवन पर प्रयोग करते हैं! हमारा अधिकतर समय अपने घर मे ही व्यतीत होता है इसलिए घर को स्वर्ग जैसा वातावरण देना हमारा कर्तव्य है!

प्रश्न उठता है कि हमे किन बातों का ध्यान रखना होगा ,सबसे प्रथम अतिआवश्यक है कि घर को व्यवस्थित रखने की आदत बनाये !आपके घर में हर वस्तु को रखने का उचित स्थान हो, जो आवश्यकता पड़ते ही अंधेरे में भी हाथ डालो तो वस्तु मिल सके!

यदि घर का सामान व्यवस्थित है तो आपका जीवन व्यवस्थित होगा ! क्योंकि आपकी जीवन शैली व्यवस्थित होगी !

इसके बाद आता है समय का प्रबंधन : यानि अपने जीवन को समय मे बांधना है , हर व्यक्ति को गिना चुना समय ही भगवान ने दिया है , उस प्रत्येक क्षण का भरपूर सुकार्यों के लिए इस्तेमाल करना है!

घर कोई ईंट पत्थर से नही बनता, वहां प्रेम और करुणा, सहयोग की भावना और एक दूसरे के लिए त्याग करने को तत्पर रहना, तभी घर मे जीवंतता आती है!

हमे अपने घर मे सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए शांत, मधुर व्यवहार को स्थान देना चाहिए क्योंकि आप जब अपने कार्यक्षेत्र से वापस आते हैं तो सारी थकान दूर हो सके और पुनः स्फूर्तिवान बन सके, इसके लिए घर का शांतिपूर्ण माहौल अति आवश्यक है!

अपने रिश्तों को संभालिये, अपने समय को संभालिये ओर अपने व्यवहार को संभालिये : तभी जीवन सफल होगा!

सबसे बड़ी बात की अपने घर मे प्रभु का स्थान और गुरु का स्थान अवश्य बनाये । जैसे हम अतिथि से मिलने के लिए ड्राइंग रूम बनाते है वैसे ही अपने भगवान से मिलने के लिए एक सुंदर स्थान अवश्य बनाइये !

जिस घर मे गुरु का पहरा है यानी कि गुरु की चरण पादुका स्थापित हैं, वहां कोई अशुभ चीज प्रवेश नही कर सकती । अपने घर के मंदिर को अपनी प्रयोगशाला बनाओ : बहुत सुंदर, स्वच्छ वातावरण रखो, बेले चढ़ाओ ओर इतना पवित्र की जहां बैठते ही आपकी सात्विकता उभर कर सामने आए

यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हुए अपने घर को बनाने का प्रयत्न करेंगे तो आपका घर निश्चित रूप से स्वर्ग का टुकड़ा बनेगा जहां परमात्मा का वास होगा और सब शुभ मंगल ही होगा!

1 Comment

  1. ज्योति says:

    प्रेरणास्रोत गुरूजी को सादर प्रणाम.

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