हमारे सभी पवित्र ग्रंथ मंत्रो से भरे पड़े हैं! मंत्र ध्वनि के चमत्कारिक प्रभाव को जीवन मे साक्षात घटित होते हुए देखा जा सकता है । यह कोई साधारण नही, अलौकिक प्रभाव छोड़ता है!
मंत्र ध्वनि की तरंगें ब्रह्मांड में इतनी तेजी से चक्कर लगाती हैं इसका अनुमान आपको नही होगा। मात्र कुछ सेकंड में ही यह ध्वनि ब्रह्मांड के 7 चक्कर लगाकर आ जाती है!हर मंत्र का अलग प्रभाव होता है ,अलग फ्रीक्वेंसी पर अलग अलग काम करते हैं इसीलिए अलग प्रयोजन के लिए अलग मंत्रों का उपयोग किया जाता है* !*
वैसे तो सभी मंत्र बहुत प्रभावशाली हैं परंतु जो सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है वह गायत्री मंत्र है। गायत्री मंत्र बुद्धि को शुद्ध करने का और सात्विकता को बढ़ाने का विशेष कार्य करता है। 24 अक्षरों वाले इस गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा जाता है । सुबह सूर्योदय के समय यदि सूर्य की ओर मुख करके इस मंत्र का जाप किया जाए तो चमत्कारिक प्रभाव साधक पर आता है!
इसी प्रकार महामृत्युंजय मंत्र भी अति प्रभावशाली है । किसी भी प्रकार का रोग ठीक न हो पा रहा हो या और किसी भयंकर समस्या से ग्रस्त व्यक्ति यदि इसका अनुष्ठान करता है तो अवश्य लाभ मिलता है !
एक होता है मृतसंजीवनी मंत्र : अर्थात महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र का सम्पुट बनाकर यदि इसका जाप किया जाए तो मृत प्राय जीव को भी नवीन जीवन की प्राप्ति होती है !
और यदि बात करे “गुरुमंत्र” की :: तो उसकी तुलना किसी भी मंत्र से नही की जा सकती क्योंकि यह किसी देवता का मंत्र नही बल्कि गुरुप्रदत्त वह महा मंत्र है जो कीलित होता है एवं जिसे गुरु ने खुद जप कर सिद्ध किया होता है !
सौभाग्यशाली होते हैं वह मनुष्य जो इसी योनि में सदगुरु से मंत्र प्राप्त करके इस लोक को भी सुधार लेते हैं और परलोक भी सुधरता है!
मंत्रजाप की यूं तो 14 विधियां हैं पर सबसे प्रमुख चार विधि कही जाती हैं -वाचिक जप, मानसिक जप, उपांशु जप तथा अजपा जप । इसमें अजपा जप सर्वोच्च स्थान पर है!जो जाप बिना बोले मन ही मन चलता रहे, आप सांसारिक कार्य भी कर रहे हैं पर मन मे जाप चल रहा है !
सदगुरु के सानिध्य में रहकर हमे उचित विधियां सीखनी चाहिए और उसका जीवन मे उपयोग करना चाहिए!
मंत्र सिद्धि साधना एक ऐसी साधना है जिसमे गुरु अपना तप का प्रभाव अपने शिष्यों को प्रदान करते हैं और उत्कृष्ट मानसिकता के साथ इस भूलोक को पारकर परम के धाम तक जाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं!
मंत्रों का उपयोग अपने जीवन मे अवश्य कीजिये , अगर आपको मंत्र जप की आदत पड़ गयी तो मन ही मन वह चलता रहेगा और अंतिम क्षण जब जीवन का आएगा तो जिह्वा पर चलता हुआ नाम , जो जीवन भर आपने जपा, वही कल्याण करेगा और सदगति प्राप्त हो जाएगी !इस लिए मंत्रों की शक्ति और उनका अभ्यास लगातार करते रहने से ही कल्याण होगा!
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Hari om
hari om
Hariom