हे दीनानाथ देव!हम आपकीं सुव्यवस्था व अनुशासन को जीवन में धारण करें! हे एकदंत!गजानन प्रभु!
हे सच्चिदानन्दस्वरूप नारायण!आपको हमारा कोटि-कोटि प्रणाम!संसार में आपकी सुन्दर व्यवस्था है!आपके द्वारा बनाये गए नियमों का जो भी उल्लंघन करता है,वह प्रकृति द्वारा अवश्य दण्डित होता है!
हे करुनासिन्धु,करुनानिधान प्रभु!आपने अपनी सुन्दर सुव्यवस्था से इस सारे संसार को सजाया हुआ है!आपके अनुशासन में समस्त विश्व बंधा है!संसार में आना-जाना, संयोग-वियोग, पाना- खोना,सब आपके नियमों पर आधारित है!
हे मेरे प्यारे प्रभु!आप इस जगत के पिता हैं और हम सब आपके बालक व बालिकाएं हैं!हमारे ऊपर ऐसी दया और कृपा करना,जिससे हम भी आपकीं सुव्यवस्था को जीवन में धारण करें!
हे दीनवत्सल,पालनहार प्रभ!हम अनुशासन में रहकर जीवन में सुन्दर रंग भर सकें!सुन्दर योजनाओं के द्वारा अपने आपको स्वर्ग के अधिकारी बना सकें!
हे प्यारे देव!हमें आशीर्वाद प्रदान करें!आपसे हमारीआपसे यही याचना है,यही प्रार्थना है,सबके प्रति मंगल व शुभ व्यवहार करें!आप सभी को सुख-शान्ति, समृद्धि व खुशियाँ प्रदान करें!यही विनती है,इसे आप जरूर स्वीकार करें!
ॐ शान्ति-शान्ति-शान्ति ॐ!
सादर हरि ॐ जी!