शक्ति को शिव की ओर लगाओ जिससे तुम्हारा कल्याण हो सके।
हमारे अंदर सिर के उपरवाले भाग में शिव और रीड़ जहाँ से शुरू होती है वहां पर है शक्ति माता , पारवती माता।
तो ध्यान की विधि से सीखना चाहिए की ऊर्जा को किधर की ओर ले जाएं।
बीच में हैं सात चक्र जिनमें आपके सात तरह के व्यक्तित्व को बदलने की ताकत है।
यदि आपका ध्यान और एकाग्रता बढ़िया है और आपका मन आपके काम में तल्लीन है , तो आप अपने क्षेत्र में वो चमत्कार करेंगे जैसा किसी और ने नहीं किया होगा।
सारे पवित्र वेदों का ज्ञान इस मन के अंदर ही है।इस लिए इस मन को जागृत करना चहिये, शिव की ओर ले जाना चाहिए।
जब आप अपने मन को शिव की ओर ले जाते हैं तो चमत्कार होने लग जाता है।
अब तक आपकी दृष्टि कहीं भी थी लेकिन आज से इसको शिव की ओर लगाइये अपने गुरु की ओर लगाइये , शुभ विचारों की ओर लगाइये।
सोच बदलेगी तो ज़िन्दगी भी बदल जाएगी इस में कोई संशय नहीं है।
इन सात चक्रों के माध्यम से अपनी ऊर्जा को उठाकर परमात्मा तक पहुँचाने की चेष्टा करनी चाहिए
परमात्मा ही शाश्वत है, बुद्धिमानों की बुद्धिमत्ता है, तेजस्वियों का तेज है, बलवानों का बल है।
परमात्मा ही हमारी शुभ कामनाओँ को पूर्ण करके हमें आनंद देनेवाली शक्ति है।
भगवान कहते हैं की जो मूर्ख हैं, मंद बुद्धिवाले हैं वह मेरी तरफ नहीं आ सकते क्योंकि उनकी बुद्धि तामसिक्ता से भरी हुयी होती है।
अगर आप अपने जीवन में आनंद चाहते हैं तो अपनी शक्ति को, मन को, बुद्धि को शिव से जोड़िये ।
इस श्रावण मॉस में शिव आराधना शिव जाप, शिव ध्यान करने में रूचि लगाएं; आपका कल्याण होगा।
साथ ही इस श्रावण मॉस में समपूर्ण विश्व के लिए मंगल प्रार्थना करें कि हे शिव सब और सुख शांति हो , सभी के दुःख दर्द मिटें और कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे हुए सभी लोगों की रक्षा करें।
ॐ नमः शिवाये ॐ नमः शिवाये ॐ नमः शिवाये